तोप कविता का प्रश्न उत्तर, अन्य प्रश्न उत्तर क्लास 10 स्पर्श

तोप कविता के प्रश्न उत्तर क्लास 10 स्पर्श

1. विरासत में मिली चीज़ों की बड़ी सँभाल क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए। अथवा विरासत में मिली चीज़ों की सँभाल करने के पीछे क्या उद्देश्य है?

उत्तर- विरासत में मिली चीज़ें हमें हमारे पूर्वजों की, पूर्व अनुभवों की और पुरानी परंपराओं की याद दिलाती हैं। नई पीढ़ी उनके बारे में जाने, उनके अनुभवों से कुछ सीखे और उनकी बनाई हुई श्रेष्ठ परंपराओं का पालन करे इसी उद्देश्य से विरासत में मिली चीजों को सँवार- सँभाल कर रखा जाता है।

2. इस कविता से आपको तोप के विषय में क्या जानकारी मिलती है?

उत्तर- इस कविता से हमें तोप के बारे में यह जानकारी मिलती है कि 1857 के स्वतंत्रता संघर्ष में ये तोपें चली थीं। तब ईस्ट इंडिया कंपनी के गोरे शासकों ने भारतीय क्रांतिकारियों को दबाने के लिए इनका उपयोग किया था। इन तोपों ने न जाने कितने सारे शूरवीरों को मार डाला था। परंतु भारतीय वीर माने नहीं। कुछ वर्षों के लिए आंदोलन ठंडा जरूर पड़ गया। किंतु एक दिन पूरा देश उठ खड़ा हुआ। उन्होंने अहिंसात्मक आंदोलन से अंग्रेज़ों को देश से बाहर निकाल दिया। तब उनकी तोपों को मौन होना पड़ा।

3. कंपनी बाग में रखी तोप क्या सीख देती है?

उत्तर- कंपनी बाग में रखी तोप यह संदेश देती है कि राक्षसी शक्ति, तोप-गोले, बम-बारूद चाहे कितने भी विनाशकारी हों, वे मानव के विरोध के सामने टिक नहीं सकते। आखिरकार मनुष्य की जाग्रत शक्ति विजयी होती है। यह तोप हमें यह भी बताती है कि जिस ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में कंपनी बाग बनाए थे, उन्होंने तोपें भी चलाई थीं। अतः विदेशी कंपनियों के ललचाऊ आकर्षणों से सावधान रहना। उनके इरादे बहुत खतरनाक हो सकते हैं।

4. कविता में तोप को दो बार चमकाने की बात की गई है। ये दो अवसर कौन-से होंगे?

उत्तर- भारत की स्वतंत्रता के दो सबसे बड़े त्योहार हैं- 15 अगस्त और 26 जनवरी। पंद्रह अगस्त को भारत स्वाधीन हुआ था। हमने अंग्रेज़ों को देश से बाहर निकाल दिया था। 26 जनवरी को देश में भारतीय संविधान लागू हुआ था। इन्हीं दोनों अवसरों पर तोप और कंपनी बाग को चमकाया जाता होगा।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

1. अब तो बहरहाल
छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिग हो
तो उसके ऊपर बैठकर
चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप ।

उत्तर-1857 के स्वतंत्रता-संघर्ष को दबाने के लिए जिस तोप ने जबरदस्त गोले चलाए थे। जिसने बहुत सारे शूरवीरों की धज्जियाँ उड़ा डाली थीं, उसका मुँह भी आखिरकार एक दिन बंद हो गया। उसकी राक्षसी शक्ति मौन हो गई। हमारे विद्रोह ने उन्हें परास्त कर दिया। अब तो उस तोप को खिलौने के रूप में प्रयोग किया जाता हैयहाँ तक कि बच्चे उस पर घुड़सवारी का मजा लूटते हैं। चिड़ियाँ उस पर बैठकर गपशप करती हैं। आशय यह है कि तोपों का भय क्षणिक होता है।

2. वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप
एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद ।

उत्तर- 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन में काम आई तोप कितनी भी भयंकर रही हो, किंतु आज उसका मुँह बंद हो चुका हैभारतीय शूरवीरों ने आज़ादी का आंदोलन चलाकर तोप को झुकने के लिए मज़बूर कर दिया। इससे हमें यह सीख मिलती है कि जबरदस्ती बल-प्रयोग करना कभी कारगर नहीं होता। अतः हथियारों का प्रयोग बंद होना चाहिए।

3. उड़ा दिए थे मैंने
अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे ।

उत्तर- 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन को दबाने के लिए जो तोप चली थी, उसने भारत के बड़े-बड़े शूरवीरों की धज्जियाँ उड़ा दी थी। कितने ही क्रांतिकारियों को क्रूरतापूर्वक मार डाला था।

तोप कविता का भाषा अध्ययन

1. कवि ने इस कविता में शब्दों का सटीक और बेहतरीन प्रयोग किया है। इसकी एक पंक्ति देखिए ‘धर रखी गई है यह 1857 की तोप’। ‘धर’ शब्द देशज है और कवि ने इसका कई अर्थों में प्रयोग किया है। ‘रखना’, ‘धरोहर’ और ‘संचय’ के रूप में।

उत्तर- छात्र ध्यानपूर्वक अध्ययन करें।

प्रश्न 2. ‘तोप’ शीर्षक कविता का भाव समझते हुए इसका गद्य में रूपांतरण कीजिए।

उत्तर- कंपनी बाग के मुहाने पर 1857 की तोप को धरोहर के रूप में रखा गया है। जिस प्रकार विरासत में मिले कंपनी बाग को सँभालकर रखा जाता है, उसी प्रकार इस तोप को भी साल में दो-बार चमकाया जाता है। सुबह-शाम घूमने आने वाले सैलानी इसे देखते हैंयह तोप उन्हें बताती है कि 1857 के स्वतंत्रता-संग्राम में मैं बड़ी जबरदस्त थी। मैंने कितने ही शूरवीरों की धज्जियाँ उड़ा दी थीं।

परंतु आज स्थिति भिन्न है। आज तो इस पर बैठकर छोटे लड़के घुड़सवारी का आनंद लूटते हैं। या फिर चिड़ियाँ इस पर बैठकर गपशप करती हैं। कभी-कभी गौरैये शरारत करते हुए इसके मुँह में घुस जाते हैं। मानो वे बताते हैं कि तोप चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, एक दिन उसका मुँह बंद होकर रहता है।

1. ‘तोप’ कविता का उद्देश्य/प्रतिपाद्य / संदेश स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-‘तोप’ कविता शस्त्र- शक्ति और बलपूर्वक दमन का विरोध करती है। इस कविता में बताया गया है कि तोपों-तीरों-तलवारों से जनता की आवाज़ को कुछ समय के लिए दबाया जा सकता है, हमेशा के लिए नहींजनता का विद्रोह समय आने पर बड़ी-बड़ी तोपों का मुँह बंद कर देता है, बड़े-बड़े अत्याचारियों को उखाड़ फेंकता है। तब ये तोपें बच्चों के खिलौने बन जाती हैं और इनकी व्यर्थता का उपहास उड़ाया जाता है।

इस कविता में यह संदेश भी है कि तोपें अब इतिहास बन चुकी हैं। शस्त्र बल का जमाना लद चुका है। अब लोकतंत्र है यहाँ हर समस्या का समाधान बातचीत से निकलता है। 1857 की तोपें भी बातचीत का रास्ता नहीं रोक सकीं। आखिरकार तोपों पर बातचीत की विजय हुई |

2. ‘तोप’ कविता में तोप अपने आकार से सहमाती है परंतु बच्चे और चिड़ियाँ उसके साथ क्या करते हैं? इस उदाहरण से कवि क्या सिद्ध करना चाहता है?

उत्तर-‘तोप’ कविता में तोप अपने आकार से सबको सहमाती है, परंतु बच्चे और चिड़ियाँ उसके साथ खेल करते हैं। बच्चे उस पर बैठकर सवारी करते हैं और चिड़ियाँ उसके मुँह में घुसकर चहचहाती हैं। इस उदाहरण से कवि यह सिद्ध करना चाहता है कि कोई महाबली व्यक्ति अपने जीवन में कितना भी रौबीला और शक्तिशाली क्यों न रहा हो, बेशक उसने लोगों पर ढेरों अत्याचार बरपाए हों, किन्तु एक दिन उसका सारा रौब धरा का धरा रह जाता है। अतः दूसरों पर रौब झाड़ना कोई अंतिम सत्य नहीं है।

3. ‘तोप’ कविता में 1857 के गदर के संदर्भ का उल्लेख किया गया है, अपनी जानकारी के आधार पर लिखिए कि देशभक्तों के साथ तोप ने क्या बर्ताव किया होगा?

उत्तर- ‘तोप’ कविता में 1857 के गदर में काम आई तोपों का उल्लेख किया गया है। इन तोपों ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में कितने ही देशभक्तों की धज्जियाँ उड़ाई थीं। इस गदर में लाखों भारतीय क्रांतिकारी शहीद हुए थे। हजारों क्रांतिकारियों को अंग्रेजों ने तोप के मुँह के आगे खड़ा करके उड़ा दिया था। आंदोलन को कुचलने के लिए अंग्रेजों ने कितने ही गाँवों को तोप से नष्ट-भ्रष्ट कर दिया था। मुझे याद आता है कि दिल्ली के पास एक गाँव में छिपे क्रांतिकारी युवकों को ढूँढ़ने के लिए अंग्रेजों ने पूरे गाँव पर तोपों से आक्रमण कर दिया था। उसमें सैकड़ों घर नष्ट हो गए थे

तोप कविता के लघुत्तरात्मक प्रश्न उत्तर 

1. 1857 की तोप को साल में दो बार क्यों चमकाया जाता है?

उत्तर- 1857 की तोप को साल में दो बार इसलिए चमकाया जाता है ताकि उन अवसरों पर भारतवासियों को बतलाया जा सके कि उनके पूर्वजों ने उनकी आज़ादी के लिए कितने बलिदान दिए थे। ये अवसर हैं-15 अगस्त और 26 जनवरी।

2. तोप अपनी किस विशेषता से परिचित करवाना चाहती है और कैसे?

उत्तर- तोप अपनी विनाशकारी शक्ति से परिचित करवाना चाहती है। इसके लिए हर साल उसे सजा-धजाकर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर लोगों के सामने प्रदर्शन के लिए रखा जाता है।

3. ‘अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे’ के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

उत्तर- कवि अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे के माध्यम से कहना चाहता है कि भारत के पहले स्वतंत्रता-संग्राम में बड़े-बड़े क्रांतिकारियों ने अपनी जान की बाजी लगाई थी। कंपनी बाग में रखी तोप ने ही उन्हें दबाने के लिए उन पर गोले चलाए थे जिससे उन वीरों की धज्जियाँ उड़ गई थीं।

4. ‘जबर’, ‘धज्जे’ इत्यादि शब्दों का प्रयोग ‘तोप’ कविता की भाषा की किस विशेषता को दर्शाता है?

उत्तर – तोप की विनाशकारी शक्ति को दिखाने के लिए ‘जबर’ और ‘धज्जे’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है। ये शब्द जबरदस्त हैं तथा प्रायः विनाशकारी शक्ति को प्रदर्शित करते हैं।

5. ‘धज्जे उड़ाना’ मुहावरे का प्रयोग ‘तोप’ के संदर्भ में किस रूप में हुआ है?

उत्तर-‘ धज्जे उड़ाना’ मुहावरे का अर्थ है- नष्ट-भ्रष्ट कर देना।1857 के आंदोलन में अंग्रेजों ने क्रांतिकारियों को तोप के मुँह के सामने खड़ा करके उनके धज्जे उड़ा दिए थे।

6. तोप और चिड़ियाँ किसके प्रतीक हैं?

उत्तर-तोप विनाशकारी और अत्याचारी शक्ति की प्रतीक है। चिड़ियाँ सहज जीवन की सरलता और उल्लास की प्रतीक हैं।

7. कविता की पृष्ठभूमि में ‘तोप’ की अतीत में भूमिका और उसकी वर्तमान स्थिति का वर्णन कीजिए। कवि को क्यों कहना पड़ा-

‘कितनी ही बड़ी हो तोप
एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद’

उत्तर- अतीत में तोप बहुत जबरदस्त थी। उसने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में कितने ही क्रांतिकारियों की धज्जियाँ उड़ा दी थीं। किंतु आज वह लाचार-सी खड़ी है। छोटे बच्चे और गौरेया तक उसके मुख में घुस जाते हैं। वह कुछ नहीं कर पाती। कवि कहना चाहता है कि कोई कितना भी बड़ा हिंसक या जबरदस्त क्यों न हो, किंतु एक-न-एक दिन वह असहाय और बेचारा हो जाता है। अत्याचार बहुत दिनों तक नहीं चल सकता। एक दिन उसे मुँह की खानी पड़ती है।

8. कंपनी बाग में ‘तोप’ क्यों रखी गई है?

उत्तर- कंपनी बाग में ‘तोप’ लोगों को यह याद कराने के लिए रखी गई है कि भारत में अंग्रेजों ने मनमाने अत्याचार किए थे। कितने ही क्रांतिकारियों के चिथड़े उड़ा डाले थे, किंतु एक-दिन वे खुद ही ठंडे पड़ गए। उन्हें ही परास्त होना पड़ा।

9. तोप को कब-कब चमकाया जाता है? ‘तोप’ कविता के आधार पर लिखिए।

उत्तर- ‘तोप’ को 15 अगस्त और 26 जनवरी को अर्थात स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को चमकाया जाता है।

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