कारतूस पाठ के प्रश्न उत्तर क्लास 10 स्पर्श भाग 2

कारतूस पाठ के प्रश्न उत्तर क्लास 10 स्पर्श भाग 2 / karatus prashn uttar 

1- कर्नल कालिज का खेमा जंगल में क्यों लगा हुआ था?

उत्तर- कर्नल कालिज का खेमा वजीर अली को पकड़ने के लिए जंगल में डेरा डाले हुए था।

2- वजीर अली से सिपाही क्यों तंग आ चुके थे?

उत्तर- सिपाही वजीर अली से इसलिए तंग आ चुके थे क्योंकि हफ्तों से डेरा डालने और छापा मारने के बावजूद वजीर अली उनके हाथ में नहीं आया था। वे जंगल की कष्ट-भरी जिंदगी से तंग आ चुके थे।

3- कर्नल ने सवार पर नज़र रखने के लिए क्यों कहा?

उत्तर- कर्नल ने सवार पर नजर रखने के लिए इसलिए कहा क्योंकि वह सवार वजीर अली का कोई दूत या जानकार या कोई साथी हो सकता था।

4- सवार ने क्यों कहा कि वजीर अली की गिरफ्तारी बहुत मुश्किल है?

उत्तर- सवार स्वयं वज़ीर अली था। उसने वजीर अली की गिरफ्तारी को बहुत मुश्किल इसलिए कहा क्योंकि वह जाँबाज था। वह गिरफ़्तारी से बचने के लिए अपनी जान लगा सकता था।

कारतूस पाठ के लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-

1- वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी?

उत्तर- वज़ीर अली बहुत हिम्मती, दिलेर और बहादुर व्यक्ति था। उसके साहस के कारनामे लोगों की जबान पर थे। उसने कंपनी के वकील को उसके घर जाकर मार डाला था। ऐसे-ऐसे साहस भरे किस्से सुनकर उसे रॉबिनहुड नामक साहसी योद्धा की याद आ जाती थी।

2- सआदत अली कौन था? उसने बजीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा ?

उत्तर- सआदत अली अवध के नवाब आसिफ़उद्दौला का छोटा भाई था उसे उम्मीद थी कि आसिफ़उद्दौला की कोई संतान नहीं होगी। इसलिए वही अवध का नवाब बनेगा। परंतु जैसे ही वजीर अली का जन्म हुआ, उसके सपने चूर हो गए। उसे अपनी नवाबी खतरे में जान पड़ी। अतः उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत समझा।

3- सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था ?

उत्तर – सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का मकसद था – अवध की धन-संपत्ति पर अधिकार करना । सआदत अली अंग्रेजों का मित्र था। उसने अंग्रेजों को अवध की आधी संपत्ति दे दी। दस लाख रुपये नकद दे दिए तथा रंगरेलियाँ मनाने के सारे सामान उपलब्ध करा दिए।

4- कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वजीर अली ने अपनी हिफाजत कैसे की ?

उत्तर- कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वजीर अली ने आजमगढ़ के जंगलों में छिपकर अपनी सुरक्षा की। वहाँ से वह आज़मगढ़ के सैनिकों की सहायता से घागरा पहुँच गया। तब से वह गोरखपुर के जंगलों में छिपा हुआ था।

5- सवार के जाने के बाद कर्नल क्यों हक्का-बक्का रह गया?

उत्तर- सवार स्वयं वजीर अली था। कर्नल कभी यह आशा नहीं कर सकता था कि वजीर अली इतनी हिम्मत करते हुए उसके खेमे में चला आएगा। वज़ीर अली उसकी नज़रों में बहुत खतरनाक और हिम्मती व्यक्ति था । इसलिए उसके साहसको देखकर और पास खड़ी अपनी मौत को देखकर वह हक्का-बक्का रह गया।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

1- लेफ्टीनेंट को ऐसा क्यों लगा कि कंपनी के खिलाफ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है?

उत्तर- लेफ्टीनेंट ने कर्नल से जाना कि कंपनी के खिलाफ केवल वज़ीर अली ही नहीं है, बल्कि दक्षिण में टीपू सुल्तान और बंगाल के नवाब का भाई शमसुद्दौला भी उनके खिलाफ़ है। तीनों ने कंपनी के विरुद्ध अफगानिस्तान के बादशाह शाहे जमा को आक्रमण करने का निमंत्रण दिया था। इससे उसे आभास हुआ कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है।

2- वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल क्यों किया?

उत्तर- वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल दो कारणों से किया। पहला कारण यह कि उसने वजीर अली की शिकायत की ठीक से सुनवाई नहीं की । उलटे उसे खरी-खोटी सुना दी। इससे वज़ीर अली के स्वाभिमान को गहरा धक्का पहुँचा। दूसरा कारण यह कि वजीर अली कंपनी सरकार से नफ़रत करता था। इन दोनों कारणों के जुड़ जाने से वजीर अली ने वकील का कत्ल कर दिया

3- सवार ने कर्नल से कारतूस कैसे हासिल किए?

उत्तर- सवार स्वयं वजीर अली था उसे कारतूस चाहिए थे उसे पता था कि कर्नल कालिज उसे पकड़ने के लिए अपनी फ़ौज के साथ जंगल में डेरा डाले हुए है। उसके पास कारतूस हैं। अतः वह बिना डरे कर्नल के डेरे में चला आया। उसने कर्नल के कमरे में एकांत में कर्नल से भेंट की। कर्नल ने सोचा कि यह सवार उसे बजीर अली को पकड़ने में कुछ सहायता देगा। इसलिए उसने सवार के माँगने पर दस कारतूस उसे दे दिए।

4- पतीर अली एक जाँबाज सिपाही था, कैसे? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- वजीर अली सचमुच एक जाँबाज सिपाही था। वह बहुत हिम्मती और साहसी था। उसे अपना लक्ष्य पाने के लिए जान लगानी आती थी। जब उससे अवध की नवाबी ले ली गई तो उसने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष करना शुरू कर दिया। उसने गवर्नर जनरल के सामने पेश होने को अपना अपमान माना और पेश होने से साफ़ मना कर दिया। गुस्से में आकर उसने कंपनी के वकील की हत्या कर डाली। यह हत्या शेर की माँद में जाकर शेर को ललकारने जैसी थी। उसके बाद वह आजमगढ़ और गोरखपुर के जंगलों में भटकता रहा। वहाँ भी निडर होकर अंग्रेज़ों के उस डेरे में घुस गया जो उसे पकड़ने के लिए बनाया गया था। वह कर्नल को ही जान से मारने की धमकी दे आया। इन घटनाओं से पता चलता है कि वह सचमुच जाँबाज़ आदमी था।

(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

1- मुट्ठीभर आदमी और ये दमखम ।

उत्तर- इसमें वज़ीर अली की हिम्मत और बहादुरी की प्रशंसा की गई है। वज़ीर अली के पास थोड़े-से सैनिक थे। सामने खड़ा दुश्मन बहुत बड़ा था। फिर भी उसके साहस में कोई कमी नहीं थी। वह अंग्रेज़ों को खुलेआम चुनौती देता था। वह कंपनी के वकील की उसके घर में जाकर हत्या कर आया था।

2. गर्द तो ऐसे उड़ रही है जैसे कि पूरा एक काफ़िला चला आ रहा हो मगर मुझे तो एक ही सवार नजर आता है।

उत्तर- वज़ीर अली तूफ़ान की भाँति शक्तिशाली और गतिशील था। जब वह घोड़े पर सवार होकर अकेले चला आ रहा था तो उसके घोड़े की टापों से उठी धूल की परत इतनी अधिक थी कि मानो सैनिकों का एक बड़ा समूह तेज गति से भागा चला आ रहा होआशय यह है कि वह बहुत शक्तिशाली सैनिक था।

कारतूस भाषा अध्ययन

1- निम्नलिखित शब्दों का एक-एक पर्याय लिखिए-

खिलाफ़, पाक, उम्मीद, हासिल, कामयाब, वजीफ़ा, नफ़रत, हमला, इंतेज़ार, मुमकिन ।

उत्तर-
खिलाफ़ – विरुद्ध
पाक – पवित्र
उम्मीद – आशा
हासिल – प्राप्त
कामयाब – सफलता
वजीफ़ा – सहयोग राशि
नफ़रत – घृणा
हमला – आक्रमण
इंतेज़ार – प्रतीक्षा
मुमकिन – संभव

प्रश्न 2. निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

आँखों में धूल झोंकना, कूट-कूट कर भरना, काम तमाम कर देना, जान बख्श देना, हक्का-बक्का रह जाना।

उत्तर-
आँखों में धूल झोंकना – सरकार लाख नियम-कानून बना ले, लेकिन कुछ लोग सरकार की आँखों में धूल झोंककर मनमानी कर ही लेते हैं।
कूट-कूट कर भरना – भगत सिंह के मन में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी
काम तमाम कर देना – भगत सिंह और उसके साथियों ने अत्याचारी सांडर्स का काम तमाम कर डाला।
जान बख्श देना – अंगुलिमाल ने न जाने बुद्ध में क्या देखा कि उसने बुद्ध की जान बखत दी।
हक्का-बक्का रह जाना – अफ़जल गुरू को फाँसी देने में कांग्रेस सरकार की आनाकानी देखकर सारा देश हक्का-बक्का रह गया।

3- कारक वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ संबंध बताता है। निम्नलिखित वाक्यों में कारकों को गाढ़ा कर उनके नाम लिखिए-

(क) जंगल की जिंदगी बड़ी खतरनाक होती है।
(ख) कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई।
(ग) वज़ीर को उसके पद से हटा दिया गया।
(घ) फ़ौज के लिए कारतूस की आवश्यकता थी।
(ङ) सिपाही घोड़े पर सवार था।

उत्तर-
(क) जंगल की ज़िंदगी (संबंध कारक)

(ख) कंपनी के खिलाफ़ (संबंध कारक)
सारे हिंदुस्तान में (अधिकरण कारक)

(ग) वज़ीर को (कर्म कारक
उसके (संबंध कारक)
पद से (अपादान कारक)

(घ) फ़ौज के लिए (संप्रदान कारक)
कारतूस की (कर्म कारक)

(ङ) घोड़े पर (अधिकरण कारक)

4- क्रिया का लिंग और वचन सामान्यतः कर्ता और कर्म के लिंग और वचन के अनुसार निर्धारित होता है। वाक्य में कर्ता और कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार जब क्रिया के लिंग, वचन आदि में परिवर्तन होता है तो उसे अन्विति कहते हैं।

क्रिया के लिंग, वचन में परिवर्तन तभी होता है जब कर्ता या कर्म परसर्ग रहित हों;

जैसे –
•सवार कारतूस माँग रहा था। (कर्ता के कारण)
•सवार ने कारतूस ‘माँगे। (कर्म के कारण )
•कर्नल ने वजीर अली को नहीं पहचाना। (यहाँ क्रिया कर्ता और कर्म किसी के भी कारण प्रभावित नहीं है)

अतः कर्ता और कर्म के परसर्ग सहित होने पर क्रिया कर्ता और कर्म में से किसी के भी लिंग और वचन से प्रभावित नहीं होती और वह एकवचन पुल्लिंग में ही प्रयुक्त होती है। नीचे दिए गए वाक्यों में ‘ने’ लगाकर उन्हें दुबारा लिखिए-

(क) घोड़ा पानी पी रहा था।
(ख) बच्चे दशहरे का मेला देखने गए।
(ग) रॉबिनहुड गरीबों की मदद करता था।
(घ) देशभर के लोग उसकी प्रशंसा कर रहे थे।

उत्तर-
(क) घोड़े ने पानी पीना जारी रखा।
(ख) बच्चों ने दशहरे का मेला देखने के लिए प्रस्थान किया।
(ग) रॉबिनहुड ने गरीबों की मदद की।
(घ) देशभर के लोगों ने उसकी प्रशंसा की।

5- निम्नलिखित वाक्यों में उचित विराम चिह्न लगाइए-

(क) कर्नल ने कहा सिपाहियों इस पर नज़र रखो ये किस तरफ़ जा रहा है
(ख) सवार ने पूछा आपने इस मकाम पर क्यों खेमा डाला है इतने लावलश्कर की क्या ज़रूरत है
(ग) खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे बातें कर रहे थे चाँदनी छिटकी हुई थी और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे एक व्यक्ति कह रहा था दुश्मन कभी भी हमला कर सकता है

उत्तर-
(क) कर्नल ने कहा- “सिपाहियो ! इस पर नज़र रखो | ये किस तरफ़ जा रहा है?”
(ख) सवार ने पूछा-“आपने इस मकाम पर क्यों खेमा डाला है? इतने लावलश्कर की क्या ज़रूरत है?”
(ग) खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे बातें कर रहे थे। चाँदनी छिटकी हुई थी और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे। एक व्यक्ति कह रहा था-” दुश्मन कभी भी हमला कर सकता है।”

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