पापा खो गए पाठ का सारांश / papa kho gye natak ki summary class 7
मराठी के प्रसिद्ध कहानीकार विजय तेंदुलकर की इस लघु नाटिका में सजीव और निर्जीव पात्रों के माध्यम से एक उद्देश्यपूर्ण व प्रभावशाली कथानक प्रस्तुत किया गया है। इसमें दिखाया गया है कि हमारे समाज में कुछ असामाजिक तत्व नन्हें बच्चों को उठाकर ले जाते हैं और उनसे मनचाहा काम करवाकर अपनी आजीविका कमाते हैं। समुद्र के किनारे एक पेड़ व एक खंभा खड़ा है। जिनमें पहले बोलचाल नहीं थी परंतु एक तूफानी रात में खंभा टेडा होकर पेड पर गिर गया । पेड़ ने स्वयं घायल होकर भी खंभे को गिरने से बचाया। जिससे दोनों में घनिष्ठ मित्रता हो गई। उस पेड़ के दूसरी ओर एक लाल लैटरबक्स भी था जो पढ़ा-लिखा और हँसमुख था। प्रायः लोगों को चिट्ठियाँ चोरी-चोरी पढ़ता था और रात के समय गाने गुनगुनाता था। सामने की दीवार पर चिपका फिल्मी पोस्टर हवा से बार-बार टेढ़ा होता तो ऐसा प्रतीत होता कि कोई नायिका नृत्य कर रही हो।
पेड़ पर एक कौआ आराम करने के लिए आता था। एक रात को लैटरबक्स मीठी आवाज में गीत गा रहा था। अपनी नींद में बाधा देखकर कौआ बार-बार लैटरबक्स को चुप रहने के लिए कहता है। एक रात सन्नाटे के समय एक दुष्ट व्यक्ति एक बालिका को अपने कंधे पर लादकर पेड़ के नीचे लाता है। वह व्यक्ति बच्चे उठाने वाला था जो नन्हीं बच्ची को घर से बेहोशी की दवा पिलाकर चुरा लाया था। बच्ची अभी भी गहरी नींद में सो रही थी। वह उसे पेड़ के नीचे लेटाकर भोजन की तलाश में चला जाता है। जाने से पूर्व बच्ची पर अपना कोट डाल जाता है।
पेड़, खंभा, लैटरबक्स व कौआ इस दृश्य से दुखी हो जाते है और उस बच्ची को बचाकर उसके माता-पिता को सौंपने की सोचने लगते हैं। इस कारण आपस में विचार-विमर्श करते हैं। लड़की सुंदर और भोली थी। चारों को उस पर प्यार आता है। उन चारों की बातचीत सुनकर बालिका की नींद खुल जाती है। वह अदृश्य में ही आवाजें सुनकर हैरान होती है। इसे सपना समझती है। परंतु लैटरबक्स के कहने से उसे विश्वास होता है कि वे बेजान होते हुए भी बोल सकते हैं और चल-फिर सकते है। जब वे उसके घर का पता पूछते हैं तो स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाती। इस बीच वह दुष्ट आदमी भोजन करके पेड़ के नीचे पहुँच जाता है। परंतु बच्ची को वहाँ न पाकर विचलित हो जाता है। उसे ढूंढ कर अपने साथ ले जाने का प्रयास करता है। परंतु बच्ची कभी पेड़, खंभे, लैटरवक्स के पीछे छिपकर अपनी जान बचा लेती है। वे तीनों भी उसकी पूरी सहायता करते हैं। अचानक ही कौआ उसे भगाने की तरकीब सोचता है और भूत-भूत चिल्लाता है। इससे वह आदमी डर जाता है। इतने में पेड़, खभा, लैटरबक्स व पोस्टर सभी भूत-भूत चिल्लाने लगते हैं। वह आदमी इतना डर जाता है कि लड़की का विचार छोड़कर स्वयं जान बचाकर भाग जाता है | उस आदमी के जाने के बाद चारों ने लड़की की तलाश की, अंत में वह पोस्टर वाली स्त्री के पीछे से निकलकर हा चारा मित्र बहुत प्रसन्न हुए।
अब कौए ने विचार व्यक्त किया कि प्रात:काल होते ही वह जोर-जोर से चिल्लाएगा और लागों का ध्यान इस ओर आकर्षित करेगा। खंभा थोडा टढ़ा होकर पेड़ पर झुक जाएगा। लोग इसे दुर्घटना समझकर पुलिस को बुला लेंगे। जिससे पुलिस उस खोई बालिका को उसके माता-पिता के घर सुरक्षित पहुंचा देगी। सबने इस विचार का अनुमोदन किया और उस पर अमल करने के लिए सुबह की प्रतीक्षा करने लगे। इस बीच लड़की थककर पुन: सो गई। लेटरबक्स का यह कहना कि हमारे इतना सबकुछ करने पर भी यदि कोई न आया तो क्या करेगे? तब कौए ने लेटरबक्स से कहा कि ‘लाल ताऊ’ तुम तो पढ़े लिखे हो तुम्हें ही कुछ करना होगा। सुबह होते ही दृश्य बदल जाता
पेड़ झुककर लड़की पर छाया करता है ताकि वह सोई रहे. खभा टेड़ा हो जाता है। कौआ कॉँव-काँव करता है और पोस्टर पर लिखा होता है ‘पापा खो गए। लैटरबक्स लोगों से कह रहा होता है कि यदि किसी के पापा मिल जाएँ तो उन्हें वहाँ ले आएँ।
पापा खो गए पाठ के प्रश्न उत्तर / papa kho gye path ke question answer
नाटक से
1. नाटक में आपको सबसे बुद्धिमान पात्र कौन लगा और क्यों?
उत्तर– इसमें सबसे बुद्धिमान पात्र कौवा प्रतीत होता है। क्योंकि वह सभी घटनाओं की जानकारी रखता है। उसकी पहचान अच्छे लोगों से भी है और बुरे लोगों से भी है। कौवा असामाजिक तत्व यानी दुष्ट व्यक्ति के हाथों में बच्ची को जाने स बचाया।
2. पेड़ और खंभे में दोस्ती कैसे हुई?
उत्तर– एक बार तेज की आंधी आई इस आंधी को खंभा झेल न सका जब वह हवा के झोंके से तिरछा होकर गिरने लगा तो पेड़ ने उसे गिरने से बचा लिया। उसे अपने ऊपर सहारा देकर रोक लिया। इस तरह से पेड़ और खंभे में दोस्ती हो गई।
3. लैटरबक्स को सभी लाल ताऊ कहकर क्यों पुकारते थे?
उत्तर- लेटरबाक्स लाल रंग का होता है। नाटक में वर्णित या चित्रित लेटरबॉक्स भी लाल रंग का ही है यह बहुत पुराना हो चुका है इसलिए अब लेटर बॉक्स को सभी लोग लाल ताऊ कहकर पुकारते हैं। लाल ताऊ इस लेटर बॉक्स की पुरातनता या जीर्णता को दर्शाता है।
4. लाल ताऊ किस प्रकार बाकी पात्रों से भिन्न है?
उत्तर– लाल ताऊ पढ़ा-लिखा हंसमुख और मिलनसार था। वह दुख के वातावरण को अपने सरस गानों से सुखमय और आनंदित बना देता था। इसी कारण वह अन्य पात्रों से भिन्न है। लाल ताऊ निर्जीव होते हुए भी उसे समाज की चिंताएं हमेशा सताती रहती थी।
5. नाटक में बच्चों को बचानेवाले पात्रों में एक ही सजीव पात्र है। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको मजेदार लगी? लिखिए।
उत्तर– नाटक में बच्ची को बचाने वाले पात्रों में सबसे सजीव पात्र कौवा है। वह बच्ची को उठाकर लाने वाले आदमी के बारे में सभी को बता देता है। लड़की जब आदमी को भ्रमित करके भागती है तो कौवा जोर से चिल्लाता है। भूत! भूत! वह दुष्ट आदमी भूत की आवाज सुनकर डर जाता है और बच्ची को छोड़ कर भाग जाता है।
6. क्या वजह थी कि सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहँचा पा रहे थे?
उत्तर– लड़की के घर का सही पता न होने के कारण सभी पात्र मिलकर भी उसे घर नहीं पहुंचा सके। उस लड़की को अपने घर, बाजार, गली नाम के अतिरिक्त पापा का नाम भी नहीं मालूम था क्योंकि वह लड़की बहुत छोटी थी।
नाटक से आगे
अपने अपने घर का पता लिखिए तथा चित्र बनाकर वहाँ पहुँचने का रास्ता भी बताइए।
उत्तर– विद्यार्थी स्वयं करें
मराठी से अनूदित इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ क्यों रखा गया होगा? अगर आपके मन में कोई दूसरा शीर्षक हो तो सुझाइए और साथ में कारण भी बताइए।
उत्तर– बच्ची को अपने पापा का नाम याद न होने के कारण इस नाटक का शीर्षक पापा खो गए रखा गया होगा हमारे हिसाब से इस नाटक का शीर्षक नादान बच्ची भी हो सकता है क्योंकि बच्ची नादान है बहुत छोटी है और वह अपने बालपन और भोलेपन के कारण खो गई है।
क्या आप बच्ची के पापा को खोजने का नाटक से अलग कोई और तरीका बता सकते हैं?
उत्तर– हां बच्ची के पहनावे उसकी कद-काठी आदि का प्रचार लोगों के बीच करके यह संदेश उसके घर वालों तक पहुंचाया जा सकता है ।
पापा खो गए अनुमान और कल्पना
अनुमान लगाइए कि जिस समय बच्ची को चोर ने उठाया होगा वह किस स्थिति में होगी? क्या वह पार्क / मैदान में खेल रही होगी या घर से रुठकर भाग गई होगी या कोई अन्य कारण होगा?
उत्तर– पाठ के अनुसार यह अनुमान लगाया जा सकता है कि जिस समय चोर ने बच्चे को उसके घर से उठाया होगा उस समय वह सो रही होगी।
2. नाटक में दिखाई गई घटना को ध्यान में रखते हुए यह भी बताइए कि अपनी सुरक्षा के लिए आजकल बच्चे क्या क्या कर सकते हैं। संकेत के रूप में नीचे कुछ उपाय सुझाए जा रहे हैं। आप इससे अलग कुछ और उपाय लिखिए।
* समूह में चलना।
*एकजुट होकर बच्चा उठानेवालों या ऐसी घटनाओं का विरोध करना।
*अनजान व्यक्तियों से सावधानीपूर्वक मिलना।
उत्तर– विद्यार्थी स्वयं करें
पापा खो गए भाषा की बात
1. आपने देखा होगा कि नाटक के बीच-बीच में कुछ निर्देश दिए गए हैं। ऐसे निर्देशों से नाटक के दृश्य स्पष्ट होते हैं, जिन्हें नाटक खेलते हुए मंच पर दिखाया जाता है, जैसे-‘सड़क / रात का समय…दूर कहीं कुत्तों के भौंकने की आवाज़।’ यदि आपको रात का दृश्य मंच पर दिखाना हो तो क्या क्या करेंगे, सोचकर लिखिए।
उत्तर– यदि हमें रात का दृश्य मंच पर दिखाना होगा तो हम कुछ इस तरह से दिखाएंगे-
तारों और सितारों भरी रात, दूर-दूर तक लंबी-लंबी सड़के, जलते-बुझते छोटे-छोटे बल्ब, सायंकाल के समय चलने वाली सुहानी हवा, भयानक आवाज में अपनी मस्ती में झूमते पेड़।
2. पाठ को पढ़ते हुए आपका ध्यान कई तरह के विराम चिहों की ओर गया होगा। अगले पृष्ठ पर दिए गए अंश से विराम चिह्नों को हटा दिया गया है। ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उपयुक्त चिह्न लगाइए
उत्तर–
मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी। अरे, बाप रे! वो बिजली थी या आफ़त! याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी, वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था। खंभे महाराज अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है, अंग थरथर काँपने लगते है।
3. आसपास की निर्जीव चीजों को ध्यान में रखकर कुछ संवाद लिखिए, जैसे
* चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद
*कलम का कॉपी से संवाद
* खिड़की का दरवाजे से संवाद
4. उपर्युक्त में से दस-पंद्रह संवादों को चुनें, उनके साथ दृश्यों की कल्पना करें और एक छोटा सा नाटक लिखने का प्रयास करें। इस काम में अपने शिक्षक से सहयोग लें।
उत्तर– विद्यार्थी स्वयं करें
पापा खो गए अभ्यास प्रश्न
प्रश्न– लड़की दुष्ट आदमी के चंगुल से कैसे बची?
प्रश्न– नाटक में पेड़ ने अपने बारे में क्या विचार प्रस्तुत किए हैं?
प्रश्न– पापा खो गए नाटक का सारांश लिखिए।
प्रश्न– बच्चे उठाने वाला कोई और काम क्यों नहीं करना चाहता था?
प्रश्न– इस पाठ का संदेश क्या है?
प्रश्न– लेटर बॉक्स ने लड़की के पिता को ढूंढने हेतु क्या किया