इस पोस्ट में क्लास 10 स्पर्श भाग 2 से मीरा के पद का भावार्थ व व्याख्या व एक्सप्लेन को पढ़ेंगे। साथ-ही-साथ मीरा के पद पद्यांश का mcq या बहुविकल्पीय प्रश्न को पढ़ेंगे।
मीरा के पद भावार्थ व व्याख्या क्लास 10 स्पर्श
हरि आप हरो जन री भीर
द्रोपदी री लाज राखी, आप बढ़ायो चीर ।
भगत कारण रूप नरहरि, धर्यो आप सरीर ।
बूढ़तो गजराज राख्यो, काटी कुण्जर पीर।
दासी मीराँ लाल गिरधर, हरो म्हारी भीर ।।
प्रसंग– प्रस्तुत पद में मीराबाई बताती हैं कि श्रीकृष्ण सभी के कष्टों को हरने वाले हैं।श्रीकृष्ण द्वारा कष्ट हरने के भिन्न-भिन्न दृष्टांत बताते हुए कहती हैं कि-
मीरा के पद भावार्थ व व्याख्या– हे कृष्ण आप लोगों के दुःख-कष्ट को हरने वाले हैं। आपने साड़ी की चीर बढ़ाकर निर्वस्त्र होती द्रौपदी की इज्जत को बचाया था। अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए आपने नरसिंह का अवतार धारण किया। जल में हाथी को खींचते मगरमच्छ से आपने उसकी रक्षा की। जिससे हाथी डूबने से बच गया। और अंत में मीराबाई कहती हैं कि हे प्रभु आप अपनी इस पर कृपा करिए और इसके दुखों और कष्टों को दूर करिए।
मीरा के पद पद्यांश का बहुविकल्पीय या mcq
1- यहाँ ‘हरि’ शब्द किसके लिए आया है?
(क) कृष्ण के लिए
(ख) राम के लिए
(ग) नरसिंह के लिए
(घ) ईश्वर के लिए
2- द्रोपदी की लाज किसने रखी थी?
(क) कृष्ण ने
(ख) राम ने
(ग) अर्जुन ने
(घ) भीम ने
3- कृष्ण ने द्रोपदी की लाज कैसे बचाई थी ?
(क) उसे दुशासन से छुड़ाकर
(ख) दुशासन को मारकर
(ग) उसे वस्त्र प्रदान करके
(घ) उसके पक्ष में लड़कर
4- ‘नरहरि’ रूप धारण करके ईश्वर ने किसकी रक्षा की थी?
(क) मीरों की
(ख) द्रोपदी की
(ग) प्रह्लाद की
(घ) हिरण्यकश्यप की
5- मीरा प्रभु से क्या चाहती है?
(क) भक्ति-भाव
(ख) अपनी पीड़ाओं का हरण
(ग) जनता की पीड़ाओं का हरण
(घ) धन-समृद्धि
उत्तर- 1. (घ) 2. (क) 3. (ग) 4. (ग) 5. (ख)
स्याम म्हाने चाकर राखो जी,
गिरधारी लाला म्हाँने चाकर राखोजी
चाकर रहस्यूँ बाग लगास्यूँ नित उठ दरसण पास्यूँ ।
बिन्दरावन री कुंज गली में, गोविन्द लीला गास्यूँ ।
चाकरी में दरसण पास्यूँ, सुमरण पास्यूँ खरची ।
भाव भगती जागीरी पास्यूँ, तीनूं बाताँ सरसी ।
प्रसंग– प्रस्तुत पद में मीराबाई कृष्ण का नौकर बनना स्वीकार करती हैं क्योंकि वह जानती हैं कि अगर मैं उनका नौकर बन जाऊँगी तो मुझे कृष्ण का सानिध्य मिल जाएगा।
मीरा के पद भावार्थ व व्याख्या– मीराबाई कह रही है कि हे श्याम आप हमें अपना नौकर रख लीजिए। हे गिरधारीलाल आप हमें अपना नौकर रख लीजिए। आपका नौकर बन करके मैं बाग़ बग़ीचे लगाऊँगी और नित प्रति सुबह उठकर आपके दर्शन पाऊँगी। वृन्दावन की संकरी गलियों में गोविंद लीला का गान करूँगी। नौकर बनकर जब मुझे आप का दर्शन मिल जाएगा तब आपकी याद मुझे नहीं सताएगी। मुझे आप के भाव और भक्ति का साम्राज्य मिल जाएगा। आगे
मीरा के पद बहुविकल्पीय प्रश्न क्लास 10 स्पर्श
1- मीरा किसकी नौकरानी बनना चाहती है ?
(क) राम की
(ख) कृष्ण की
(ग) हरि की
(घ) अपने पति की
2- मीरा नौकरानी क्यों बनना चाहती है?
(क) अपना जीवन चलाने के लिए
(ख) कृष्ण के प्रति समर्पण हेतु
(ग) पति की सेवा के लिए
(घ) कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए
3- मीरा वृंदावन की गलियों में क्यों रहना चाहती हैं?
(क) कृष्ण से मिलने के लिए
(ख) कृष्ण के साथ लीलाएँ करने के लिए
(ग) कृष्ण की लीलाएँ गाने के लिए
(घ) गोपियों के संग क्रीड़ा करने के लिए
4- मीरा को जेब खर्च के रूप में क्या मिलेगा?
(क) नाम-स्मरण
(ख) भाव-भक्ति
(ग) प्रभु दर्शन
(घ) पिछले जन्म का स्मरण
5- मीरा कौन-सी संपत्ति चाहती है?
(क) कृष्ण-प्रेम
(ख) राम की भक्ति
(ग) भाव-भक्ति
(घ) धन-संपत्ति
उत्तर- 1. (ख) 2. (ख) 3. (ग) 4. (क) 5. (ग)
मोर मुगट पीताम्बर सौहे, गल वैजन्ती माला ।
बिन्दरावन में धेनु चरावे, मोहन मुरली वाला।
ऊँचा ऊँचा महल बणावं बिच बिच राखूँ बारी ।
साँवरिया रा दरसण पास्यूँ, पहर कुसुम्बी साड़ी ।
आधी रात प्रभु दरसण दीज्यो जमनाजी रे तीरां ।
मीराँ रा प्रभु गिरधर नागर, हिवड़ो घणो अधीराँ ।।
मीरा के पद भावार्थ व व्याख्या- मीराबाई श्रीकृष्ण के सौंदर्य का चित्रण करते हुए कह रहीं हैं कि आपके सिर पर मोर के पंख का मुकुट, शरीर पर पीताम्बर और गले में वैजयंतीमाला अत्याधिक सुशोभित होती है। मुरली बजाने वाला मोहन वृन्दावन में गायों को चराते हुए लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। मैं जो बग़ीचे लगाऊँगी उस बग़ीचे के बीच-बीच में ऊँचा-ऊँचा महल बनाऊँगी। कुसुम्भी चोला पहनकर के मैं श्रीकृष्ण का दर्शन पाती रहूंगी।यदि मैं उनका नौकर रहूँगी तो आधी रात के समय भी मुझे यमुना के किनारे श्रीकृष्ण का दर्शन मिल जाएगा।
मीरा के पद बहुविकल्पीय प्रश्न क्लास 10 स्पर्श
1- साँवरिया कौन है?
(क) भगवान कृष्ण
(ख) भगवान राम
(ग) मीराँ के पति
(घ) भगवान विष्णु
2- कौन – सा शब्द भगवान कृष्ण के लिए नहीं प्रयुक्त हुआ है?
(क) मोहन
(ख) मुरली वाला
(ग) पीतांबर
(घ) गिरधर
3- मीरा कुसुंबी साड़ी क्यों पहनना चाहती है?
(क) शौक के कारण
(ख) कृष्ण के प्रति प्रेम प्रकट करने के कारण
(ग) कृष्ण को प्रिय होने के कारण
(घ) राधा का रूप धारण करने के कारण
4- मीरा कृष्ण से किस रूप में मिलना चाहती है?
(क) कृष्ण की सखी के रूप में
(ख) कृष्ण की आराधिका के रूप में
(ग) कृष्ण की पत्नी के रूप में
(घ) राधा के रूप में।
5- मीरा का मन अधीर क्यों है?
(क) कृष्ण से मिलने की तीव्र इच्छा के कारण
(ख) कृष्ण से न मिल पाने के कारण
(ग) यमुना जल के कारण
(घ) अँधेरी रात के कारण।
उत्तर- 1. (क) 2. (ग) 3. (ख) 4. (ख) 5. (क)