अकबरी लोटा का प्रश्न उत्तर akabari lota question answer
कहानी की बात
1. “लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे।”
लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया। आपके विचार से वे चुप क्यों रहे? अपने विचार लिखिए।
उत्तर– झाऊलाल को बेढंगा लोटा कतई पसंद न था परन्तु पत्नी द्वारा उसमें पानी दिए जाने पर उन्होंने चुप-चाप उस लोटे को ले लिया। झाऊलाल, पत्नी को ढाई सौ रूपये देने में सातवें दिन भी असमर्थ ये। अपना वचन न निभा पाने की वजह से वे पत्नी पर गुस्सा नहीं कर सकते थे। यदि झाऊलाल उस बेढ़ंगे लोटे को देखकर नाक-भौं सिकोड़ते तो उनकी पत्नी उनकी कंगाली पर उन्हें उलाहना देती।
2. “लाला झाऊलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया।” आपके विचार से लाला झाऊलाल ने कौन-कौन सी बातें समझ ली होंगी?
उत्तर– अपने सामने एक अंग्रेज को सिर से पैरों तक भीगा हुआ देखकर झाऊलाल ने समझ लिया कि अवश्य ही यह अंग्रेज उनसे लड़ने-झगड़ने के लिए लोगों को लेकर आया है। उन्हें समझते देर न लगी कि गरीबी में आटा गीला हो गया।
3. अंग्रेज़ के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने तक से क्यों इनकार कर दिया था? आपके विचार से बिलवासी जी ऐसा अजीब व्यवहार क्यों कर रहे थे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– बिलवासी जी ने मुसीबत में फंसे अपने मित्र झाऊलाल की सहायता करने के उद्देश्य से ही अंग्रेज के सामने झाऊलाल को पहचानने से इंकार कर दिया। बिलवासी जी चतुर व्यक्ति थे। आफत के क्षणों में भी बड़ी चतुराई दिखाते हुए उन्होंने झाऊलाल की ढाई सौ रूपए की आवश्यकता को पूरा करने के लिए ऐसा अजीब व्यवहार किया। अंग्रेज बिलवासी जी के व्यवहार से इतना प्रभावित हुआ कि उसने बेढंगे तौटे की कीमत पाँच सौ रूपये देकर चुकाई।
4. बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहाँ से किया था? लिखिए।
उत्तर– पंडित बिलवासी मिश्र लाला झाऊलाल के घनिष्ठ मित्र थे। दोनों एक-दूसरे से कुछ नहीं छिपाते थे अपने मित्र को कठिनाई में देख और उसकी आप बीती सुनकर पंडित जी ने उनकी सहायता करने का निश्चय किया। जब पंडित जी के पास कहीं से भी रुपयों का प्रबंध नहीं हुआ तो उन्होंने अपनी पत्नी के संदूक में से ढाई सौ रुपये चोरी किए। पत्नी को इस बात की तनिक भी भनक नहीं थी। इस प्रकार से पंडित बिलवासी मिश्र ने रुपयों का प्रबंध किया।
5. आपके विचार से अंग्रेज़ ने यह पुराना लोटा क्यों खरीद लिया? आपस में चर्चा करके वास्तविक कारण की खोज कीजिए और लिखिए।
उत्तर– बिलवासी जी के तर्क-वितर्क सुनकर अंग्रेज बेढंगे लोटे को अकबर का लोटा मानने लगा था। उसे ऐतिहासिक वस्तुओं के संग्रह का शौक था। इसलिए अंग्रेज ने लार्ड डगलस को प्रतिस्पर्धा में पछाड़ने के लिए और उसका घमंड तोड़ने के लिए उस अकबरी लोटे को खरीद लिया। (शेष विद्यार्थी स्वयं करें।)
अकबरी लोटा का अनुमान और कल्पना
1. “इस भेद को मेरे सिवाए मेरा ईश्वर ही जानता है। आप उसी से पूछ लीजिए। मैं नहीं बताऊँगा।”
बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्यों कही? लिखिए।
उत्तर– बिलवासी जी ने यह बात झाऊलाल से कही। झाऊलाल जानना चाहता था कि बिलवासी जी के पास ढाई सौ रूपये न थे, तब घटना के दौरान उनके पास ढाई सौ रूपये कहाँ से आ गए।
2. “उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई।” समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उड़ी तो क्यों? लिखिए।
उत्तर– झाऊलाल के लिए रूपयों का प्रबंध करने के लिए बिलवासी जी ने अपनी पत्नी के बक्से में से बिना पत्नी को बताए रूपये निकाले थे। अब उसी रूपये को वापस रखने की चिंता में उसकी नींद उड़ गई थी।
3. “लेकिन मुझे इसी जिंदगी में चाहिए।”
“अभी इसी सप्ताह में ले लेना।”
“सप्ताह से आपका तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?”
झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच को इस बातचीत से क्या पता चलता है? लिखिए।
उत्तर– झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच हुई चर्चा से स्पष्ट होता है कि उनकी पत्नी को विश्वास नहीं था कि उसके पति सात दिनों में पैसों का प्रबंध कर पाएंगे।
क्या होता यदि
1. अंग्रेज लोटा न खरीदता?
उत्तर– अंग्रेज झाऊलाल से झगड़ने न आता।
2. यदि अंग्रेज पुलिस को बुला लेता?
उत्तर– झाऊलाल पर अंग्रेज मुकदमा चलाता उन्हें जेल हो सकती थी।
3. जब बिलवासी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे, तभी उनकी पत्नी जाग जाती?
उत्तर– जिस समय पंडित बिलवासी मिश्र पत्नी के गले से चाभी निकाल रहे थे , तभी उनकी पत्नी जाग जाती तो वे सदा के लिए उसकी नजरों में अपना सम्मान खो बैठते।
पता कीजिए।
1. अपने वेग में उल्का को लजाता हुआ वह आँखों से ओझल हो गया। उल्का क्या होती है? उल्का और ग्रहों में कौन-कौन सी समानताएँ और अंतर होते हैं?
उत्तर– अंतरिक्ष में चट्टानों के छोटे-बड़े टुकड़े इधर-उधर उड़ते रहते हैं। उन्हें उल्का कहते हैं। जब वे टुकड़े पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं, तो वायु के साथ घर्षण के कारण जलने लगते हैं। प्राय: वे वायुमंडल में जलकर नष्ट हो जाते हैं, पर कभी-कभी वे धरातल से टकरा भी जाते हैं। इनके विपरीत ग्रह सदा सूर्य के चारों ओर निश्चित मार्ग पर घूमते हैं। इनका आकार उल्काओं से बड़ा होता है।
2 इस कहानी में आपने दो चीजों के बारे में मजेदार कहानियाँ पढ़ी-अकबरी लोटे की कहानी और जहाँगीरी अंडे की कहानी। आपके विचार से ये कहानियाँ सच्ची हैं या काल्पनिक?
उत्तर– ये कहानियाँ काल्पनिक हैं, क्योंकि इसमें वास्तविकता के स्थान पर सर्वत्र कल्पना का प्रयोग किया गया है।
3. अपने घर या कक्षा की किसी पुरानी चीज़ के बारे में ऐसी ही कोई मजेदार कहानी बनाइए।
विद्यार्थी स्वयं करें।
4.बिलवासी जी ने जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, वह सही था या गलत?
उत्तर– पंडित बिलवासी मिश्र ने अपने मित्र के लिए जिस तरीके से रुपयों का प्रबंध किया, उसके सही व गलत दोनों रूप सामने आते हैं। सही इसलिए, क्योंकि कठिनाई में फँसे मित्र की सहायता करना कोई बुरी बात नहीं है। गलत इसलिए, क्योंकि वे चाहते तो अपनी पत्नी से रुपये माँग सकते थे या फिर मित्र की सहायता करने के लिए उधार ले सकते थे। अतः उनका अपने घर में पत्नी की संदूक से रुपये निकालना सर्वथा गलत था।
अकबरी लोटा का भाषा की बात
1. इस कहानी में लेखक ने जगह-जगह पर सीधी-सी बात कहने के बदले रोचक मुहावरों, उदाहरणों आदि के द्वारा कहकर अपनी बात को और अधिक मजेदार/रोचक बना दिया है। कहानी से वे वाक्य चुनकर लिखिए जो आपको सबसे अधिक मजेदार लगे।
उत्तर–
1- इस रिश्ते से तो आपका लोटा उस अंडे का बाप हुआ।
2. सप्ताह से तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?
3. लोटे में पानी दे, तब भी गनीमत है, अभी अगर चूँ कर देता हूँ तो बाल्टी में भोजन मिलेगा।
4. मेरी समझ में ‘ही इज ए डेंजरस ल्यूनाटिक’ (यानी खतरनाक पागल है)।
5. यह वही प्रसिद्ध अकबरी लोटा है।
6. गत वर्ष वे हिंदुस्तान आए थे और यहाँ से जहाँगीरी अंडा ले गए थे।
7. लाला अपना गुस्सा पीकर पानी पीने लगे।
2. इस कहानी में लेखक ने अनेक मुहावरों का प्रयोग किया है कहानी में से पाँच मुहावरे चुनकर उनका प्रयोग करते हुए वाक्य लिखिए।
उत्तर–
👉तिलमिला उठना (अचानक भड़क जाना) -किसान की व्यंग्यपूर्ण बात सुनकर लाला जी तिलमिला उठे।
👉दुम दबाकर निकल भागना (डर के मारे भाग जाना) – बिल्ली को देखकर चूहा दुम दबाकर बिल में भाग गया।
👉हाथ धोना (खो देना, छिन जाना)-युद्ध में पाकिस्तान कई युद्धपोतों तथा पनडुब्बियों से हाथ धो बैठा।
👉गुस्सा पीना (क्रोध दबा लेना)-वेदों और पुराणों में लिखा है कि मनुष्य को अपना गुस्सा पी जाना चाहिए।
👉आँखों से ओझल होना (अंतर्ध्यान होना, गायब होना)-देखते-ही-देखते भगवान् भक्त की आँखों से ओझल हो गए।
👉पीठ ठोंकना (शाबाशी देना)-परीक्षा में प्रथम स्थान पाने पर सभी ने मोहन की पीठ ठोकी।
👉दबे पाँव (बिना आवाज़ किए)-चोर दबे पांव घर में घुसे और सारा सामान चुराकर ले गए।