हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता का भावार्थ व व्याख्या, सारांश, प्रश्न उत्तर क्लास 7

20200523 132400

हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता का सार या सारांश / ham panchhi unmukt gagan ke kavita ki summary   

शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ जी ने अपनी इस कविता में पक्षियों के माध्यम से स्वतंत्रता की भावना को व्यक्त किया है। वे लिखते हैं की पक्षी को भले ही पिंजरे में सभी सुख सुविधाएं मिलती रहे लेकिन वह प्रकृति में स्वतंत्र उड़ने के लिए सदैव लालायित रहेगा। जब कभी उसे अवसर मिलेगा वह उड़ जायेगा। पक्षी निवेदन करता है कि उसकी उड़ान में बाधा न डाली जाए।

हम पंछी उन्मुक्त गगन के का भावार्थ व व्याख्या / ham panchhi unmukt gagan ke kavita ka explain  

hm panchhi unmukt gagan ke kavita ka sar, prashn uttar

हम पंछी उन्मुक्त गगन के भावार्थ पिंजरे में बंद पंछियों का कहना है कि हम खुले आकाश में विचरण करने वाले पक्षी हैं। हम पिंजरे में बंद होकर नहीं रह सकते सोने के पिंजरे की सलाखों से टकरा-टकराकर हमारे कोमल पंख टूट जाएंगे। वास्तव में कवि ने पक्षियों के माध्यम से स्वतंत्रता के महत्व को दर्शाना चाहा है पक्षियों की भांति मनुष्य भी परतंत्रता का जीवन नहीं जी सकता।

 उनका कहना है कि हम तो नदी-झरनों का बहता जल पीने वाले हैं। हम पिंजरे में बंद रहकर भूखे-प्यासे मर जाएंगे इस सोने के पिंजरे में सोने की कटोरी में रखे मैदा की अपेक्षा नीम के पेड़ की कड़वी नबौरी खाना हमें अधिक अच्छा लगता है। वास्तव में पक्षी खुले वातावरण में घूम-घूमकर बहता जल पीकर और नीम की निबौरी को खाकर ही खुश रहते हैं।

पक्षियों के माध्यम से कवि कहता है कि सोने की सलाखों से निर्मित पिंजरे में रहकर तो हम अपनी उड़ान व उसकी गति भी भूल गए हैं। अब तो केवल सपनों में ही यह सोचते हैं कि वे पेड़ की सबसे ऊंची चोटी पर झूल रहे हैं।

CollageMaker 20200509 192839767

हम पंछी उन्मुक्त गगन के व्याख्या-: पिंजरे में बंद पक्षी कहते हैं कि हमारी ऐसी इच्छा थी कि उड़ते-उड़ते नीले आकाश की सीमा को छू ले व अपने लाल चोंच से अनार के दानों रूपी आसमान के तारों को चुग लें।

इन पंक्तियों में पक्षियों का कहना है कि आसमान की ऊंचाइयों को छूते हुए उनके पंखों में इस प्रकार होड़ लग जाती कि उड़ते-उड़ते या तो वे क्षितिज को पा जाते या अपने प्राण गंवा देते।

पक्षियों की इच्छा है कि चाहे उन्हें रहने के लिए घोषला न दो, टहनी का आश्रय भी ना दो लेकिन ईश्वर ने हमें पंख दिए हैं तो हमारी उड़ान में बाधा न डालो हमें स्वतंत्र रूप से उड़ने दो।

हम पंछी उन्मुक्त गगन के प्रश्न उत्तर / ham panchhi unmukt gagan ke kavita ke prashn uttar class 7 

कविता से

प्रश्न-1- हर तरह की सुख सुविधाएं पाकर भी पंक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते ?

उत्तर- हर तरफ सुख सुविधाएं पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद नहीं रहना चाहते क्योंकि पिंजड़े में बंद रहकर वे स्वतंत्र रूप से मनचाही जगह और वातावरण में घूमने-फिरने से वंचित हो जाते हैं। उन्हें बंदी जीवन के बजाय स्वतंत्र जीवन प्रिय है।

प्रश्न-2-: पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएं पूरी करना चाहते हैं ?

उत्तर- पंक्षी उन्मुक्त रहकर नदी का बहता जल पीना चाहते हैं। वृक्षों पर लगने वाले फल खाना चाहते हैं। पक्षी बृक्ष की फुनगी पर चढ़ना चाहते हैं। खुले आसमान में उड़ना चाहते हैं।

प्रश्न-3-: भाव स्पष्ट कीजिए-या तो क्षितिज मिलन बन जाता/ या तनती सांसो की डोरी

उत्तर- इन पंक्ति में कवि पक्षियों के माध्यम से कहना चाहता है कि यदि मैं स्वतंत्र होता तो उस असीम क्षितिज से मेरी होड़ हो जाती, मैं इन छोटे-छोटे पंखों से उड़कर या तो उस क्षितिज में जाकर मिल जाता है या फिर मेरा प्राणान्त तो हो जाता।

हम पंछी उन्मुक्त गगन के कविता से आगे

प्रश्न-1-: बहुत से लोग पक्षी पालते –

(क) पक्षियों को पालना उचित है अथवा नहीं अपने विचार लिखिए।

(ख) क्या आपने या आपकी जानकारी में किसी ने कभी कोई पक्षी पाला है। उसकी देखरेख किस प्रकार की जाती होगी, लिखिए।

उत्तर-(क)– पक्षियों को पालना उचित नहीं है विधाता ने इस सृष्टि में सभी को स्वतंत्र जीवन दिया है। अपनी लालसा या लोभ की पूर्ति के लिए पक्षियों को पिंजरे में बंदी बनाकर रखने से उनके प्रति हमारी क्रूरता झलकती है।

उत्तर-(ख)- हाँ मेरे साथी ने एक तोता पाल रखा है, उसने तोते की अन्य हिंसक जंतुओं से रक्षा करने के लिए इसे पिंजरे में डाल रखा है। मेरा मित्र उसकी देखभाल स्वयं करता है। वह उसे खाने के लिए फल सब्जियां देता है उसने पानी की एक कटोरी भरकर पिंजरे में रखी हुई है।

प्रश्न-2- पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आजादी का हनन ही नहीं होता अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।

उत्तर- पक्षी हमारे सहचर सहयोगी हैं, उनसे हमारा वातावरण निर्मित होता है। बहुत से पक्षी वनस्पति जीवन के लिए उपयोगी है, कुछ पक्षी हमारे वातावरण को स्वच्छ बनाते हैं। पक्षियों के कलरव से हमें मानसिक व आत्मिक संताप से छुटकारा मिलता है। रंग-बिरंगी पक्षी हमारे वातावरण को रसमय बनाते हैं। बहुत से पक्षी कृषक मित्र भी हैं।

हम पंछी उन्मुक्त गगन के अनुमान और कल्पना

प्रश्न-1- क्या आपको लगता है कि मानव कि वर्तमान जीवन-शैली और शहरीकरण से जुड़ी योजनाएं पक्षियों के लिए घातक हैं ? पक्षियों से रहित वातावरण में अनेक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए? उक्त विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।

 विद्यार्थी स्वयं करें

प्रश्न-2- यदि आपके घर के किसी स्थान पर किसी पक्षी ने अपना आवास बनाया है और किसी कारणवश आपको अपना घर बदलना पड़ रहा है तो आप उस पक्षी के लिए किस तरह के प्रबंध करना आवश्यक समझेंगे लिखिए।

उत्तर- अपना घर बदलते समय हम यह ध्यान रखेंगे कि हमारे द्वारा त्यागे गए आवास की खिड़कियां या रोशनदान खुले रहें, ताकि आवास में आने-जाने में पक्षियों को कोई कठिनाई न ।

 हम पंछी उन्मुक्त गगन के भाषा की बात

प्रश्न-1- स्वर्ण-श्रृंखला और लाल किरण-सी में रेखांकित शब्द गुणवाचक विशेषण है। कविता से ढूंढ कर इस प्रकार के तीन और उदाहरण लिखिए।

उत्तर– (1)कनक-तीलियों (2)पुलकित पंख (3)कटुक निबौरी (4)कनक कटोरी (5)नीले नभ (6)आकुल उड़ान

प्रश्न-2- भूखे-प्यासे में द्वंद समास है इन दोनों शब्दों के बीच लगे चिन्ह को सामाजसिक चिन्ह कहते हैं। इस चिह्न से और का संकेत मिलता है। जैसे भूखे-प्यासे= भूखे और प्यासे।इस प्रकार के दस अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए।

उत्तर-
(1)सुख-दुख=सुख और दुख (2)दिन-रात= दिन और रात (3)सुबह-शाम= सुबह और शाम (4)अन्न-जल = अन्न और जल (5)अपना-पराया= अपना और पराया (6)अमीर-गरीब =अमीर और गरीब (7)तन-मन =तन और मन (8)दूध-दही =दूध और दही (9)खट्टा-मीठा = और मीठा (10) पुण्य-पाप =पाप और पुण्य

🎥 हम पंछी उन्मुक्त गगन के व्याख्या (विडियो)
कक्षा 7 हिन्दी (संपूर्ण हल)
कक्षा 7 हिन्दी (quiz/mcq)
class 7 hindi vasant bhag 2 chapter 1 summary explain and question answer

Related Posts

error: Content is protected !!