पापा खो गये पाठ पाठ क्लास 7 के वसंत नामक पुस्तक से लिया गया है। यह पाठ सीबीएसई बोर्ड से संबंधित है। इसमें हमलोग पापा खो गये पाठ का सारांश प्रश्न उत्तर को हल करेंगे।
पापा खो गए पाठ का सारांश / papa kho gye natak ki summary class 7
पेड़ पर एक कौआ आराम करने के लिए आता था। एक रात को लैटरबक्स मीठी आवाज में गीत गा रहा था। अपनी नींद में बाधा देखकर कौआ बार-बार लैटरबक्स को चुप रहने के लिए कहता है। एक रात सन्नाटे के समय एक दुष्ट व्यक्ति एक बालिका को अपने कंधे पर लादकर पेड़ के नीचे लाता है। वह व्यक्ति बच्चे उठाने वाला था जो नन्हीं बच्ची को घर से बेहोशी की दवा पिलाकर चुरा लाया था। बच्ची अभी भी गहरी नींद में सो रही थी। वह उसे पेड़ के नीचे लेटाकर भोजन की तलाश में चला जाता है। जाने से पूर्व बच्ची पर अपना कोट डाल जाता है।
अब कौए ने विचार व्यक्त किया कि प्रात:काल होते ही वह जोर-जोर से चिल्लाएगा और लागों का ध्यान इस ओर आकर्षित करेगा। खंभा थोडा टढ़ा होकर पेड़ पर झुक जाएगा। लोग इसे दुर्घटना समझकर पुलिस को बुला लेंगे। जिससे पुलिस उस खोई बालिका को उसके माता-पिता के घर सुरक्षित पहुंचा देगी। सबने इस विचार का अनुमोदन किया और उस पर अमल करने के लिए सुबह की प्रतीक्षा करने लगे। इस बीच लड़की थककर पुन: सो गई। लेटरबक्स का यह कहना कि हमारे इतना सबकुछ करने पर भी यदि कोई न आया तो क्या करेगे? तब कौए ने लेटरबक्स से कहा कि ‘लाल ताऊ’ तुम तो पढ़े लिखे हो तुम्हें ही कुछ करना होगा। सुबह होते ही दृश्य बदल जाता है।
पेड़ झुककर लड़की पर छाया करता है ताकि वह सोई रहे. खभा टेड़ा हो जाता है। कौआ कॉँव-काँव करता है और पोस्टर पर लिखा होता है ‘पापा खो गए। लैटरबक्स लोगों से कह रहा होता है कि यदि किसी के पापा मिल जाएँ तो उन्हें वहाँ ले आएँ।
पापा खो गए पाठ के प्रश्न उत्तर / papa kho gye path ke question answer
नाटक से
1. नाटक में आपको सबसे बुद्धिमान पात्र कौन लगा और क्यों?
2. पेड़ और खंभे में दोस्ती कैसे हुई?
3. लैटरबक्स को सभी लाल ताऊ कहकर क्यों पुकारते थे?
4. लाल ताऊ किस प्रकार बाकी पात्रों से भिन्न है?
5. नाटक में बच्चों को बचानेवाले पात्रों में एक ही सजीव पात्र है। उसकी कौन-कौन सी बातें आपको मजेदार लगी? लिखिए।
6. क्या वजह थी कि सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहँचा पा रहे थे?
नाटक से आगे
अपने अपने घर का पता लिखिए तथा चित्र बनाकर वहाँ पहुँचने का रास्ता भी बताइए।
उत्तर– विद्यार्थी स्वयं करे
मराठी से अनूदित इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ क्यों रखा गया होगा? अगर आपके मन में कोई दूसरा शीर्षक हो तो सुझाइए और साथ में कारण भी बताइए
उत्तर– बच्ची को अपने पापा का नाम याद न होने के कारण इस नाटक का शीर्षक पापा खो गए रखा गया होगा हमारे हिसाब से इस नाटक का शीर्षक नादान बच्ची भी हो सकता है क्योंकि बच्ची नादान है बहुत छोटी है और वह अपने बालपन और भोलेपन के कारण खो गई है।
क्या आप बच्ची के पापा को खोजने का नाटक से अलग कोई और तरीका बता सकते हैं?
उत्तर– हां बच्ची के पहनावे उसकी कद-काठी आदि का प्रचार लोगों के बीच करके यह संदेश उसके घर वालों तक पहुंचाया जा सकता है ।
पापा खो गए अनुमान और कल्पना
अनुमान लगाइए कि जिस समय बच्ची को चोर ने उठाया होगा वह किस स्थिति में होगी? क्या वह पार्क / मैदान में खेल रही होगी या घर से रुठकर भाग गई होगी या कोई अन्य कारण होगा?
उत्तर– पाठ के अनुसार यह अनुमान लगाया जा सकता है कि जिस समय चोर ने बच्चे को उसके घर से उठाया होगा उस समय वह सो रही होगी।
2. नाटक में दिखाई गई घटना को ध्यान में रखते हुए यह भी बताइए कि अपनी सुरक्षा के लिए आजकल बच्चे क्या क्या कर सकते हैं। संकेत के रूप में नीचे कुछ उपाय सुझाए जा रहे हैं। आप इससे अलग कुछ और उपाय लिखिए।
* समूह में चलना।
*एकजुट होकर बच्चा उठानेवालों या ऐसी घटनाओं का विरोध करना।
*अनजान व्यक्तियों से सावधानीपूर्वक मिलना।
उत्तर– विद्यार्थी स्वयं करें
पापा खो गए भाषा की बात
1. आपने देखा होगा कि नाटक के बीच-बीच में कुछ निर्देश दिए गए हैं। ऐसे निर्देशों से नाटक के दृश्य स्पष्ट होते हैं, जिन्हें नाटक खेलते हुए मंच पर दिखाया जाता है, जैसे-‘सड़क / रात का समय…दूर कहीं कुत्तों के भौंकने की आवाज़।’ यदि आपको रात का दृश्य मंच पर दिखाना हो तो क्या क्या करेंगे, सोचकर लिखिए।
तारों और सितारों भरी रात, दूर-दूर तक लंबी-लंबी सड़के, जलते-बुझते छोटे-छोटे बल्ब, सायंकाल के समय चलने वाली सुहानी हवा, भयानक आवाज में अपनी मस्ती में झूमते पेड़।
2. पाठ को पढ़ते हुए आपका ध्यान कई तरह के विराम चिहों की ओर गया होगा। अगले पृष्ठ पर दिए गए अंश से विराम चिह्नों को हटा दिया गया है। ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उपयुक्त चिह्न लगाइए
मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी। अरे, बाप रे! वो बिजली थी या आफ़त! याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी, वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था। खंभे महाराज अब जब कभी बारिश होती है तो मुझे उस रात की याद हो आती है, अंग थरथर काँपने लगते है।
3. आसपास की निर्जीव चीजों को ध्यान में रखकर कुछ संवाद लिखिए, जैसे
* खिड़की का दरवाजे से संवाद
4. उपर्युक्त में से दस-पंद्रह संवादों को चुनें, उनके साथ दृश्यों की कल्पना करें और एक छोटा सा नाटक लिखने का प्रयास करें। इस काम में अपने शिक्षक से सहयोग लें।