बहादुर कहानी का सारांश / bahadur kahani ka saransh

बहादुर कहानी का सारांश / bahadur kahani ka saransh 

बहादुर प्रसिद्ध कहानीकार श्री अमरकांत द्वारा रचित एक मनोवैज्ञानिक और चरितप्रधान कहानी है। दिलबहादुर एक पहाड़ी व नेपाली लड़का है। जो इस कहानी का मुख्य पात्र व नायक है। दिलबहादुर की माँ गलतियों पर उसे खूब पीटती थी। इसलिए वह घर से दो रुपए चुराकर भाग गया और गोरखपुर जाने वाली बस पकड़ लिया। बस स्टेशन से निर्मला के गृहस्वामी इसको अपने घर ले आते हैं। वह घर के सभी काम को बहुत ही लगन से करने लगा जिस कारण सभी लोग इससे बहुत खुश रहते थे। बहादुर की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि वह हर बात पर हँसता था।

निर्मला ने दिलबहादुर के नाम के आगे से दिल शब्द हटा दिया और बहादुर रख दिया। निर्मला का बड़ा लड़का किशोर एक बिगड़ा हुआ लड़का था और शान-शौकत से रहता था। उसने अपने सारे काम बहादुर को सौंप दिए थे। यदि बहादुर उसके काम में तनिक भी असावधानी करता तो उसे गालियाँ मिलती थी । इतना ही नहीं छोटी-छोटी गलतियों के लिए किशोर बहादुर की पिटाई लगा देता था। एक दिन किशोर ने बहादुर को सुअर का बच्चा कह दिया। बहादुर इस गाली को सहन न कर सका। उसने किशोर का काम करने से इनकार कर दिया। 

प्रारंभ में निर्मला बहादुर को बहुत प्यार से रखती थी। तथा उसके खाने-पीने का भी बहुत ध्यान रखती थी। लेकिन कुछ दिनों के बाद उसका भी व्यवहार बदल गया। निर्मला ने पड़ोसियों से सुना की पतली रोटी खाने से नौकरों की आदत बिगड़ जाती है। इसलिए वह बहादुर की रोटी सेंकना बंद कर देती है।

एक रविवार निर्मला के रिश्तेदार अपनी पत्नी व बच्चों के साथ निर्मला से मिलने आते हैं। नाश्ता करने के बाद वार्तालाप होने लगी तभी निर्मला के रिश्तेदार के ग्यारह रुपये खो गए। जो उन्होंने चारपाई पर ही निकालकर रखे थे। इसके बाद सबने बहादुर पर संदेह किया। पूछा गया तो उसने पैसे लेने से इनकार कर दिया। लोग उसकी पिटाई करते हैं और पुलिस को देने की भी धमकी देते हैं। लेकिन जब उसने रुपए लिए ही नहीं तो कैसे कहता कि उसने रुपए लिए हैं। उस दिन के बाद से बहादुर बहुत खिन्न रहने लगा। 

एक दिन बहादुर सील बट्टा ले जा रहा था हाथ से छूटकर गिरा और फूट गया। फिर मार पड़ेगी इस डर से अपना विस्तर, कपड़ा सब छोड़कर चला गया। निर्मला के पति जब शाम को दफ्तर से लौटे तो निर्मला को सिर पर हाथ रखे हुए बहुत परेशान पाया। पूछने पर पता चला कि बहादुर घर छोड़कर भाग गया है। निर्मला, उसके पति और किशोर को विश्वास हो गया की बहादुर ईमानदार लड़का था। ये सभी अपने गलती पर पश्चाताप कर रहे हैं। 

बहादुर कहानी के लघुत्तरीय प्रश्न 

1- बहादुर कहानी के लेखक कौन हैं?

उत्तर- अमरकांत

2- बहादुर अपना मूल घर छोड़कर क्यों भाग गया?

उत्तर- बहादुर अपना मूल घर छोड़कर भाग गया क्योंकि उसकी  माँ उसको मारती थी।

3- बहादुर अपने घर से कितने रुपये चुराकर भागा था?

उत्तर- दो रुपये

4- बहादुर का पूरा नाम क्या है?

उत्तर- दिलबहादुर

5- निर्मला के पुत्र का क्या नाम था?

उत्तर- किशोर

6- दिलबहादुर बस स्टैंड से कौन सी बस पकड़ता है?

उत्तर- गोरखपुर जाने वाली बस 

7- निर्मला के रिश्तेदार बहादुर पर कितने रुपए चोरी का इल्जाम लगाते हैं?

उत्तर- ग्यारह रुपए

8- निर्मला के रिश्तेदार किस दिन उसके घर आए थे?

उत्तर- रविवार

9- बहादुर कहानी के पत्रों का नाम लिखिए?

उत्तर- दिलबहादुर (बहादुर), निर्मला, किशोर

10- बहादुर कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर- बहादुर कहानी से शिक्षा मिलती है कि हमें अपने और दुसरे के घर के नौकरों का सम्मान करना चाहिए। साथ ही साथ यह भी शिक्षा मिलती है कि यदि किसी कारणवश हमें कोई अवसर मिल जाता है तो उसका सम्मान करना चाहिए और उसके महत्त्व को अहमियत देना चाहिए।

⇒पंचलाइट कहानी 

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