इस पोस्ट में हमलोग विप्लव गायन का सारांश, विप्लव गायन का भावार्थ व व्याख्या, विप्लव गायन का प्रश्न उत्तर को पढ़ेंगे| यह पाठ क्लास 7 हिन्दी वसंत भाग 2 के चैप्टर 20 से लिया गया है|
विप्लव गायन कविता का सारांश, सार / viplaw gayan summary
विप्लव गायन कविता के कवि बालकृष्ण शर्मा नविन हैं | कवि देश के नवयुवकों का आह्वान करता है कि अब वीणा के तारों में मधुर संगीत की बजाय क्रांति और संघर्ष के गीत गूँजें। भले ही उँगलियाँ ऐंठकर घायल हो जाएँ। कवि विनाश का आह्वान करते हुए हुँकार भरता है कि अब महानाश की लहरें इधर-उधर से आकर देश में विनाश लीला करें। आगामी पंक्तियों में कवि का अभिप्राय है कि महानाश का गीत अभी कंठावरोध के कारण नहीं निकल पा रहा है। यदि वह गीत वातावरण में गूँजेगा तो क्षणभर में ही महायुद्ध आरंभ हो जाएगा वह गीत आग उगलेगा, हृदय से चिंगारियाँ फूटेंगी जिनमें सब काँटेदार झाड़ियाँ अर्थात् पुराने गलत रीति-रिवाज व रूढ़िवादी विचारधाराएँ भस्म हो जाएँगी।
अपने अंतिम काव्यांश में कवि स्पष्ट करता है कि कण-कण में वही कठोर स्वर व्यक्त होगा, रोम-रोम से उसी ज्वलंत गीत की ध्वनि गूँजेगी, विषैले नाग के फण से जिस प्रकार विनाशक चिंगारियाँ फूटती हैं उसी प्रकार का महानाश धरती पर जाग उठेगा। जैसे शेषनाग अपनी मणि की चिंता करता है वैसे ही प्रत्येक मनुष्य नव-निर्माण के चिंतन में अग्रसर होगा। कवि विश्वासपूर्वक कहता है कि मैं उस महानाश के पोषक तत्त्व को स्वयं देख आया हूँ, जो आँख के इशारे से भी व्याप्त हो उठेगा। वास्तव में कवि जड़ता के विरुद्ध देशवासियों में गतिशीलता व उत्साह का संचार करना चाहता है क्योंकि विनाश में ही निर्माण और सृजन के बीज होते हैं इसलिए कवि जीर्ण-शीर्ण व रूढ़िवादी विचारों व रिवाज़ों को तिलांजलि देकर नवनिर्माण लाने का आह्वान करता है।
विप्लव गायन कविता का भावार्थ व व्याख्या / viplaw gayan explain
विप्लव गायन का भावार्थ व व्याख्या
विप्लव गायन का भावार्थ व व्याख्या–
विप्लव गायन का भावार्थ व व्याख्या–
विप्लव गायन का प्रश्न उत्तर / viplaw gayan question answer
प्रश्न 1. ‘कण-कण में है व्याप्त वही स्वर . कालकूट फणि की चिंतामणि’
(क) ‘वही स्वर’ ‘वह ध्वनि’ एवं ‘वही तान’ आदि वाक्यांश किसके लिए किस/भाव के लिए प्रयुक्त हुए हैं?
(ख) वही स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का ‘रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है/निकली मेरी अंतरतर से’-पंक्तियों से क्या कोई संबंध बनता है?
(क) वही स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान नवनिर्माण की राहें खोलने हेतु व जनता को जागृत करने के लिए प्रयुक्त हुआ है।
(ख) वही स्वर, वही ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है। ‘निकली मेरे अंतरतर से’ पंक्तियों से सही संबंध बनता है क्योंकि कवि इन पंक्तियों में आवेशपूर्वक जनता को जागृत करना चाहता है परंतु उसके कंठ से वह गीत बाहर नहीं आ सकता जिससे वह और भी अधिक अधीर हो जाता है।
प्रश्न 2. नीचे दी गई पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए
सावधान! मेरी वीणा में दोनों मेरी ऐंठी हैं।’
विप्लव गायन कविता से आगे
प्रश्न – स्वाधीनता संग्राम के दिनों में अनेक कवियों ने स्वाधीनता को मुखर करनेवाली ओजपूर्ण कविताएँ लिखीं।
माखनलाल चतुर्वेदी, मैथिलीशरण गुप्त और सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की ऐसी कविताओं की चार-चार पंक्तियाँ इकट्ठा कीजिए जिनमें स्वाधीनता के भाव ओज से मुखर हुए हैं।
स्वर बदलो अपना वीरव्रती! वह स्वर बदलो!
(ii) मैथिलीशरण गुप्त की पंक्ति
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।
(ii) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की पंक्ति
भारति जय-विजय करे!
कनक-शस्य-कमल धरे!
लंका पदतल-शतदल
गर्जितोर्मि सागर-जल,
धोता शुचि चरण युगल
स्तव कर बहु-अर्थ भरे!
विप्लव गायन अनुमान और कल्पना
प्रश्न – कविता के मूलभाव को ध्यान में रखते हुए बताइए कि इसका शीर्षक ‘विप्लव-गायन क्यों रखा गया होगा?
विप्लव गायन भाषा की बात
प्रश्न 1. कविता में दो शब्दों के मध्य (-) का प्रयोग किया गया है, जैसे-‘जिससे उथल-पुथल मच जाए एवं ‘कण-कण में है व्याप्त वही स्वर’। इन पंक्तियों को पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कवि ऐसा प्रयोग क्यों करते हैं?
उत्तर-काव्य को प्रभावमयी बनाने व शब्दों में प्रवाह लाने हेतु (-) योजक चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 2. कविता में (, – 1 आदि) विराम चिह्नों का उपयोग रुकने, आगे-बढ़ने अथवा किसी खास भाव को अभिव्यक्त करने के लिए किया जाता है। कविता पढ़ने में इन विराम चिह्नों का प्रभावी प्रयोग करते हुए काव्य पाठ कीजिए। गद्य में आमतौर पर है शब्द का प्रयोग वाक्य के अंत में किया जाता है, जैसे-देशराज जाता है। अब कविता की निम्न पंक्तियों को देखिए।
कण-कण में है व्याप्त—– वही तान गाती रहती है,
इन पंक्तियों में है शब्द का प्रयोग अलग-अलग जगहों पर किया गया है। कविता में अगर आपको एसे अन्य प्रयोग मिलें तो उन्हें छाँटकर लिखिए।
विप्लव गायन कविता के अन्य प्रश्न उत्तर / viplaw gayan extra question answer
1. विप्लव गायन कविता का उद्देश्य क्या है?
2 कवि विप्लव गान क्यों गाना चाहता है?
3. काव्यांश में ‘कालकूट फणि को चितामणि’ शब्दों से क्या तात्पर्य है?
4. इस कविता में कवि किस वर्ग का आह्वान कर रहा है और क्यों?
5. ‘विप्लव-गायन’ कविता हमें क्या संदेश देती है?
6. क्या वर्तमान समय में भी ‘विप्लवगान’ कविता सार्थक है?
7- विप्लव गायन किसकी रचना है?
सभी सहृदयों को सादर नमन ज्ञापित करता हूँ तथा अंतर्मन से उनका हार्दिक अभिनंदन एवं वंदन करता हूँ| मैं हिन्दी से डॉक्टरेट हूँ | हिन्दी संबंधी ज्ञान के आदान-प्रदान में मेरी रुचि है|