इस पाठ में हमलोग चिट्ठियों की अनूठी दुनिया का सारांश, चिट्ठियों की अनूठी दुनिया का प्रश्न उत्तर को पढ़ेंगे| चिट्ठियों की अनूठी दुनिया पाठ क्लास 8 हिन्दी वसंत भाग 3 के चैप्टर 5 से लिया गया है|
चिट्ठियों की अनूठी दुनिया पाठ का सार या सारांश / chitthiyo ki anuthi duniya summary
हर एक व्यक्ति अपने विचारों को या अपनी बातों को दूसरों तक पहुँचाने का प्रयत्न करता है। निकट व्यक्ति से बातचीत द्वारा विचारों का आदान-प्रदान होता है परंतु जिसके माध्यम से हम दूर बैठे व्यक्ति से विचारों का आदान-प्रदान करते हैं, उसे ‘पत्र’ कहा जाता है। पत्रों की दुनिया अजीबो-गरीब है। पत्रो की उपयोगिता हमेशा से बनी रही है। पत्र जैसा संतोष फ़ोन या एस०एम०एस० कहाँ दे सकता है ? अर्थात् नहीं देता है। दुनिया का सारा साहित्य पत्रों पर केंद्रित है। पत्रों का भाव पूरे विश्व में एक-सा है, भले ही उसका स्वरूप अलग क्यों न हो। पत्रों के अलग-अलग नाम हैं, इन्हें उर्दू में ‘खत’, संस्कृत में ‘पत्र’, कन्नड़ में ‘कागद’, तेलगू में ‘उत्तरम’, ‘जाबू’ व और ‘लेख’ तथा तमिल में ‘कडिद’ कहा जाता है। पत्र यादों को सहेज कर रखते हैं। भारत में प्रतिदिन साढ़े चार करोड़ चिट्ठियाँ डाक में डाली जाती हैं। पत्रों की उत्सुकता सभी को होती है। अगर हम पत्रों की गहराई में जाएँ, तो हमें पता चल जाएगा कि विश्व में ऐसा कोई नहीं, जिसमें कभी पत्रों के लिए कोई उत्सुकता न रही हो। हमारे सैनिक तो पत्रों का जिस उत्सुकता से इंतजार करते हैं, उसकी कोई मिसाल नहीं है। आज देश में ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है, जो अपने पुरखों की चिट्ठियों को सहेज कर रखे हुए हैं।
बड़े-बड़े लेखक, पत्रकार, उद्यमी, कवि, प्रशासक, संन्यासी या किसान-इनकी पत्र रचनाएँ अपने आप में अनुसंधान का विषय हैं। नेहरू के पत्र इंदिरा के लिए नहीं लिखे जाते, तो आज वे करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा-स्रोत न बन पाते। सभी महान हस्तियों की सबसे बड़ी यादगार या धरोहर उनके द्वारा लिखे गए पत्र ही हैं। भारत में इस श्रेणी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सबसे आगे रखा जा सकता है। विश्व के लगभग सभी संग्रहालयों में जानी-मानी हस्तियों के पत्रों को अनूठे संकलन भी हैं। भारत में आजादी से पहले महासंग्राम के दिनों में अंग्रेजी अफसरों ने अपने परिवारजनों को जो पत्र लिखे, वे आगे चलकर बहुत महत्त्वपूर्ण पुस्तक का रूप प्राप्त कर गए। महात्मा गांधी के पास दुनिया भर से ढेर सारे पत्र केवल महात्मा गांधी – इंडिया नाम से लिखे आते थे। वे जहाँ भी रहते थे, उन तक वे पत्र पहुंच जाते थे। गांधीजी के पास देश-दुनिया से बड़ी संख्या में पत्र पहुंचे थे, परंतु पत्रों का जवाब देने के मामले में उनका कोई जोड़ नहीं था गांधीजी को जैसे ही कोई पत्र मिलता था, वे उसी समय उसका उत्तर लिख देते थे। वे अपने ही हाथों से अधिकतर पत्रों के जवाब देते थे। पत्रों का जवाब देते-देते जब उनका दाहिना हाथ दर्द करने लगता था, तब वे बाएँ हाथ से लिखने में जुट जाते थे। पत्रों के आधार पर बहुत-सी किताबें भी लिखी जा चुकी हैं।
वास्तव में पत्र किसी दस्तावेज़ से कम नहीं हैं। पत्रों का आकर्षक संकलन कई रूपों में आपको देखने में मिल जाएगा। प्रेमचंद नए लेखकों को बहुत प्रेरक उत्तर देते थे इसी प्रकार नेहरू पत्र व्यवहार और गांधी को लिखे गए रवींद्रनाथ टैगोर के पत्र बहुत प्रेरक हैं। सभी सरकारी विभागों में सबसे अच्छा विभाग डाक-विभाग ही है। यह लोगों को जोड़ने का काम करता है। घर-घर तक इसकी पहुंच है। शहरी इलाकों में आलीशान हवेलियाँ हों या फिर झोपड़ियों में रह रहे लोग, दुर्गम जंगलों से घिरे गाँव हों या फिर बर्फबारी के बीच जी रहे पहाड़ों के लोग अथवा अन्य क्षेत्रों में रहने वाले लोग आज भी पत्रों का बेसब्री से इंतजार करते हैं। गाँवों या गरीबों की बस्तियों में चिट्ठी या मनीऑर्डर लेकर पहुँचने वाला डाकिया देवदूत के रूप में देखा जाता है।
चिट्ठियों की अनूठी दुनिया पाठ के प्रश्न उत्तर / chitthiyo ki anuthi duniya question answer class 8
पाठ से
1. पत्र जैसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश क्यों नहीं दे सकता?
2. पत्र को खत, कागद, उत्तरम्, जाबू, लेख, कडिद, पाती, चिट्ठी इत्यादि कहा जाता है। इन शब्दों से संबंधित भाषाओं के नाम बताइए।
3. पत्र लेखन की कला के विकास के लिए क्या-क्या प्रयास हुए? लिखिए।
4. पत्र धरोहर हो सकते हैं लेकिन एसएमएस क्यों नहीं? तर्क सहित अपना विचार लिखिए।
5. क्या चिट्ठियों की जगह कभी फैक्स, ई-मेल, टेलीफोन तथा मोबाइल ले सकते हैं?
पाठ से आगे
1 किसी के लिए बिना टिकट सादे लिफ़ाफ़े पर सही पता लिखकर पत्र बैरंग भेजने पर कौन-सी कठिनाई आ सकती है? पता कीजिए।
2. पिन कोड भी संख्याओं में लिखा गया एक पता है, कैसे?
3. ऐसा क्यों होता था कि महात्मा गांधी को दुनिया भर से पत्र ‘महात्मा गांधी-इंडिया पता लिखकर आते थे?
चिट्ठियों की अनूठी दुनिया पाठ का अनुमान और कल्पना
1. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता ‘भगवान के डाकिए’ आपकी पाठ्यपुस्तक में है। उसके आधार पर पक्षी और बादल को डाकिए की भांति मानकर अपनी कल्पना से लेख लिखिए।
2, संस्कृत साहित्य के महाकवि कालिदास ने बादल को संदेशवाहक बनाकर ‘मेघदूत’ नाम का काव्य लिखा है। ‘मेघदूत’ के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए।
3. पक्षी को संदेशवाहक बनाकर अनेक कविताएँ एवं गीत लिखे गए हैं। एक गीत है-‘जा जा रे कागा विदेशवा, मेरे पिया से कहियो संदेशवा’। इस तरह के तीन गीतों का संग्रह कीजिए। प्रशिक्षित पक्षी के गले में पत्र बाँधकर निर्धारित स्थान तक पत्र भेजने का उल्लेख मिलता है। मान लीजिए आपको एक पक्षी को संदेशवाहक बनाकर पत्र भेजना हो तो आप वह पत्र किसे भेजना चाहेंगे और उसमें क्या लिखना चाहेंगे।
4. केवल पढ़ने के लिए दी गई रामदरश मिश्र की कविता ‘चिट्ठियाँ’ को ध्यानपूर्वक पढ़िए और विचार कीजिए कि क्या यह कविता केवल लेटर बॉक्स में पड़ी निर्धारित पते पर जाने के लिए तैयार चिट्ठियों के बारे में है? या रेल के डिब्बे में बैठी सवारी भी उन्हीं चिट्ठियों की तरह हैं जिनके पास उनके गंतव्य तक का टिकट है। पत्र के पते की तरह और क्या विद्यालय भी एक लेटर बाक्स की भाँति नहीं है जहाँ से उत्तीर्ण होकर विद्यार्थी अनेक क्षेत्रों में चले जाते हैं? अपनी कल्पना को पंख लगाइए और मुक्त मन से इस विषय में विचार-विमर्श कीजिए।
चिट्ठियों की अनूठी दुनिया पाठ के भाषा की बात
1-किसी प्रयोजन विशेष से संबंधित शब्दों के साथ पत्र शब्द जोड़ने से कुछ नए शब्द बनते हैं, जैसे-प्रशस्ति पत्र, समाचार पत्र। आप भी पत्र के योग से बननेवाले दस शब्द लिखिए।
2. व्यापारिक शब्द व्यापार के साथ ‘इक’ प्रत्यय के योग से बना है इक प्रत्यय के योग से बननेवाले शब्दों को अपनी पाठ्यपुस्तक से खोजकर लिखिए।
3-दो स्वरों के मेल से होनेवाले परिवर्तन को स्वर संधि कहते हैं; जैसे-रवीन्द्र = रवि + इन्द्र। इस संधि में इ + इ = ई हुई है। इसे दीर्घ संधि कहते हैं। दीर्घ स्वर संधि के और उदाहरण खोजकर लिखिए। मुख्य रूप से स्वर संधियाँ चार प्रकार की मानी गई हैं-दीर्घ, गुण, वृद्धि और यणा ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ. आ आए तो ये आपस में मिलकर क्रमशः दीर्घ आ, ई, ऊ हो जाते हैं. कारण इस संधि को दीर्घ संधि कहते हैं; जैसे-संग्रह + आलय = संग्रहालय, महा + आत्मा = महात्मा। इस प्रकार के कम-से-कम दस उदाहरण खोजकर लिखिए और अपनी शिक्षिका/शिक्षक को दिखाइए।