सूरदास के पद का भावार्थ व व्याख्या कक्षा -10 up board
सूरदास के पद का भावार्थ व व्याख्या कक्षा -10 up board सूरदास के पद संख्या-1 का भावार्थ व व्याख्या चरन-कमल बंदौं हरि राइ ।जाकी कृपा पंगु गिरि लंघे, अंधे को सब कछु दरसाइ । बहिरौ सुने, गूँग पुनि बोलै, रंक चलै सिर छत्र धराई । सूरदास स्वामी करुनामय, बार-बार बंदौं तिहिं पाइ।1। सूरदास के पद … Read more