दादी माँ पाठ का सार या सारांश, प्रश्न उत्तर क्लास 7

20200523 132400

इस पोस्ट में हमलोग दादी माँ पाठ का सारांश, दादी माँ पाठ का प्रश्न उत्तर को पढ़ेंगे| यह पाठ क्लास 7 हिन्दी वसंत भाग 2 के चैप्टर 2 से लिया गया है |

दादी माँ पाठ का सार या सारांश / dadi maa path ka summary class 7    

दादी के स्वर्गवास का पत्र पढकर लेखक हैरान रह गया और दादी माँ के जीवन से जुड़ी घटनाएँ चलचित्र की भांति उसकी आँखों के सामने आने लगीं। गाँव का दृश्य. अचानक ही लेखक के सामने साकार हो उठा। आश्विन के दिन गांव के चारों ओर पानी ही पानी का हिलोरें लेना, दूर के नाले से बहकर अनेक प्रकार की सड़ी-गली घासों व नाना प्रकार के बीजों का बहकर आना, पानी का बदबू मारना गाँव के तालाबों में लड़कों का धमाक से कूदना, याद आने लगा। गाँव में इन गंध भरे जलाशयों में नहाने की मुख्य चाह सभी में विद्यमान रहती थी। लेकिन लेखक को बचपन की वह घटना भी नहीं भूलती कि एक बार उसे ज्वर था तो वह इस तालाब में नहाने का आनंद न ले सका उसे बहुत दुख हुआ था |

दादी माँ का व्यक्तित्व दुबला-पतला शरीर, सफेद किनारीहीन साडी पहने, जूट के समान  सफ़ेद बाल व उनसे काले पानी की बूँदों के टपकने का दृश्य लेखक की आँखों के सामने छा गया। 

लेखक बचपन में एक बार बीमार हो जाता है तो बार-बार उसके माथे, पेट और पाँव को छूना व ज्वर मालूम करना, दिन-रात उसकी चारपाई के पास बैठना, चबूतरों की मिट्टी लाकर माथे पर लगाना व मुंह में डालना, पीपल की छाल से पानी छौंकना, वैद्य की दवाइयाँ देना, लेखक हीह नहीं गाँव का कोई भी सदस्य बीमार हो जाए तो उसे पूरी दवाइयाँ व इलाज बताना उनके दूसरों के प्रति स्नेह को ही दर्शाता है। वाणी में शासन की-सी कठोरता-दादी माँ का धन्नो पर बिगड़ना व डाँटना कि उसका ऋण तुरंत सूद समेत चुकाए। लौटते समय दादी माँ ने उसके आँसुओं की परवाह न की, आदेशपूर्वक उससे पैसे माँग रही थी। इससे स्पष्ट होता है कि उनकी वाणी में शासन की-सी कठोरता थी।

दादी माँ में परोपकार की भावना कूट-कूटकर भरी थी। उनका मन किसी के दुख को देखकर मोम की तरह पिघल जाता था। लेखक को एक दिन रामी  की चाची धन्नो मिल गई जो दादी को कोसने की बजाय उसके लिए मंगलकामनाएँ कर रही थी। लेखक को इस पर आश्चर्य हुआ। कारण? दादी धन्नो के घर उसकी लड़की के विवाह के लिए शुभकामना देने गई। धन्नो के अनुसार दादी ने न केवल उसका सारा ऋण माफ़ किया बल्कि लड़की की शादी हेतु दस रुपए का शगुन भी दे आई थी। इससे स्पष्ट होता है कि दादी परोपकारी होने के साथ-साथ ऊपर से कठोर लेकिन भीतर से अत्यंत कोमल स्वभाव की थीं।

किशन भैया की शादी के समय जब केवल औरतें ही गाना और अभिनय में व्यस्त थीं तो लेखक बीमारी के कारण व भाई विलंब के कारण बारात में नहीं जा सके तो दादी ने दोनों को चुपके से चादर उढ़ाकर सुला दिया परंतु भेद खुलने पर दादी ने उनकी रक्षा की व औरतों को डॉट दिया। इस प्रकार दादी हँसमुख व सरल स्वभाव के कारण सबकी आदरणीय थीं। पति की मृत्यु के बाद एक दिन जब दादी ने पुत्र और पोते.को घर की गरीबी पर चिंतातुर देखा तो वह तुरंत अपने संदूक से सोने का कंगन निकालकर ले आई। यह कंगन उसके पति की अंतिम निशानी थी। उसने कहा यह इस मजबूरी में काम आ सकता है। उस समय लेखक को दादी एक देवी के समान प्रतीत होती |

वैसे तो यह माना जाता था कि दादी माँ कोई काम नहीं करतीं लेकिन घर का व बाहर का सभी कार्य दादी माँ के बिना अधूरा रहता था। छोटे-बड़े कामों में दादी की उपस्थिति व सलाह अनिवार्य थी। गीली साड़ी में ही ‘दीया’ जलाकर पूजा करना दर्शाता है कि वे धार्मिक प्रवृत्ति की थीं। दादी माँ की मृत्यु का पत्र पढ़ते ही लेखक के सामने दादी का चित्र सजीव हो उठा था। वह उनकी याद में एकदम उदास हो गया।

दादी माँ पाठ के  प्रश्न अभ्यास / question answer of dadi maa class 7 

कहानी से

प्रश्न-1 लेखक को अपनी दादी मां की याद के साथ-साथ बचपन की और किन किन बातों की याद आ जाती है?

उत्तर– लेखक को अपनी दादी मां की याद के साथ-साथ गांव के दृश्यों की याद आ जाती है। वह याद करते हुए बताता है कि गांव के चारों ओर पानी ही पानी हिलोरे लेता था। दूर के सिवान से बहकर आई हुई मोथा और सनई की घास और नाना प्रकार की बरसाती घासों के बीज सूरज की गर्मी पाकर विचित्र गंद छोड़ते थे। गांव के रास्तों में सूखे कीचड़ तालाबों में आवाज करते  लड़कों की याद लेखक को आती है। लेखक को ज्वर आने का कारण जानने के लिए दादी परिवार वालों से लाखों सवाल पूछती है। इस तरह लेखक को दादी मां के साथ-साथ बचपन की अनेक बातें याद आती हैं।

प्रश्न-2- दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब क्यों हो गई थी?

उत्तर– दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब होने का कारण उनके कपटी मित्र थे। दादा के श्राद्ध में लेखक के पिता ने दादी मां के मना करने के बाद भी अपार संपत्ति खर्च की। लेखक के पिता ने यह सभी खर्च उधार लेकर किया था।

प्रश्न-3- दादी मां के स्वभाव का कौन सा पक्ष आपको सबसे अच्छा लगता है और क्यों?

उत्तर– लेखक की दादी साहसी महिला थी। दिनभर परिश्रम करके वह अपने बाल-बच्चों को पालने केक साथ-साथ लेखक के दादा के श्राद्ध में लिए गए कर्ज को चुकाने में लगी हुई थी। विपत्ति की घढ़ी में भी वह धैर्य रखकर लेखक की इच्छाओं को पूरा करतीं हैं। लेखक की दादी वात्सल्य भाव से परिपूर्ण है। दादी मां के स्वभाव का यही पक्ष हमें सबसे अच्छा लगा।

दादी माँ पाठ का कहानी से आगे

प्रश्न-1- आपने इस कहानी में महीनों के नाम पढ़े जैसे क्वार, आषाढ़, माघ इन महीनों में मौसम कैसा रहता है? लिखिए|

उत्तर– क्वार के महीनों में बरसात समाप्त हो जाती है। वर्षा के बाद तेज गर्मी पड़ने से वातावरण में उमस बढ़ जाती है। आषाढ़ मास में ग्रीष्म ऋतु शुरू हो जाती है। वातावरण में तेज गर्म हवाओं के साथ आंधी तूफान भी आती है। माघ महीना शिशिर ऋतु का होता है। कड़ाके की ठंड पड़ती है। लोग सर्दी से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं।

प्रश्न-2  ‘अपने-अपने मौसम की अपनी अपनी बातें होती है।‘ लेखक के इस कथन के अनुसार यह बताइए कि इस मौसम में कौन-कौन सी चीजें विशेष रूप से मिलती है?

उत्तर– लेखक ने विशेष मौसम में मिलने वाली चीजों को याद करते हुए लिखा है कि आसाढ़ में आम, जामुन न मिले चिंता नहीं। अगहन में चिउड़ा और गुड़ न मिले दुख नहीं। चैत के दिनों में लाई के साथ गुड़ की पट्टी न मिले अफसोस नहीं। पर क्वार के दिनों में इस गंध पूर्ण झाग भरे जल में कूदने को न मिले तो सबसे बुरा मालूम पड़ता है।

दादी माँ का अनुमान और कल्पना

प्रश्न-1- इस कहानी में कई बार ऋण लेने की बात आपने पढ़ी।  अनुमान लगाइए किन-किन पारिवारिक परिस्थितियों में गांव के लोगों को ऋण लेना पड़ता होगा और यह उन्हें कहां से मिलता होगा? बड़ों से बातचीत कर इस विषय में लिखिए।

उत्तर– गांव के लोगों को समय-समय पर ऋण की आवश्यकता पड़ती है। जन्म-मरण, फसल उगाने में, फसल कटाई में, शादी ब्याह में, घर बनाने के लिए, उन्हें गांव के महाजन से सेठ साहूकार से बैंक के आपसी रिश्तेदारों से ऋण लेना पड़ता है।

प्रश्न-2- घर पर होने वाले उत्सव/समारोह में बच्चे क्या-क्या करते हैं। अपने और अपने मित्रों के अनुभवों के आधार पर लिखिए।

विद्यार्थी स्वयं करें

दादी माँ का भाषा की बात

प्रश्न-1- नीचे दी गई पंक्तियों पर ध्यान दीजिए-

जरा-सी कठिनाई पड़ते/ अनमना-सा हो जाता है/ सन-से सफेद

समानता का बोध कराने के लिए सा, से, सी का प्रयोग किया जाता है। ऐसे पांच और शब्द लिखिए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।

 
उत्तर-
*जरा सी बूंद पड़ते ही सब तरफ फिसलन हो गई।
*वह डरे-डरे से मन से अपने घर जा पहुंचा।
*दुर्घटना का समाचार पाते ही उसका कलेजा धक से कर गया।
*उसका प्यारा सा चेहरा प्रतिदिन मेरे आंखों के सामने घूमता रहता है।
*ज्वर के कारण सुरेश का शरीर पीला सा पड़ गया।

प्रश्न-2- कहानी में छू-छूकर ज्वर का  अनुमान करती, पूछ- पूछकर घरवालों को परेशान कर देतीं- जैसे वाक्य आए हैं। किसी क्रिया को जोर देकर कहने के लिए एक से अधिक बार एक ही शब्द का प्रयोग होता है। जैसे वहां ज- जाकर थक गया, उन्हें ढूंढ-ढूंढकर देख लिया। इस प्रकार के पांच वाक्य बनाइए।

उत्तर
*उसने मुझसे मेरे विषय में कुरेद-कुरेद कर पूछा।
*मुझसे बातें करते-करते वह सो गया।
*वह हर स्कूल में जा-जाकर थक गया पर पढ़ न पाया।
*दादी बच्चों को पकड़-पकड़कर अपने पास बिठाती थी।

प्रश्न-3- बोलचाल में प्रयोग होने वाले शब्द  और वाक्यांश ‘दादी मां’ कहानी में है। इन शब्दों और वाक्यांशों से पता चलता है कि यह कहानी किसी विशेष क्षेत्र से संबंधित है। ऐसे शब्दों और वाक्यांशों में क्षेत्रीय बोलचाल की खूबियां होती हैं। उदाहरण के लिए निसार, बरह्म, उरिन, चिउड़ा, छौंका इत्यादि शब्दों को देखा जा सकता है। इन शब्दों का उच्चारण अन्य क्षेत्रीय बोलियों में अलग ढंग से होता है। जैसे चिउड़ा को चीड़वा, चूड़त्र, पोहा और इसी तरह छौंका को छौंक, तड़का भी कहा जाता है। निकसार, उरिन और बरह्म शब्द क्रमशः निकास, उऋण और ब्रह्मा शब्द का क्षेत्रीय रूप है। इस प्रकार के दस शब्दों को बोलचाल में उपयोग होने वाली भाषा बोली से एकत्र कीजिए और कक्षा में लिखकर दिखाइए।

उत्तर
बोली में प्रयुक्त शब्द          मानक रूप
जोगी-                                    योगी
चैत-                                       चैत्र
पग-                                       पद
परमेस्सर-                              परमेश्वर
आसाढ़-                                आषाढ़
चंदा-                                     चंद्र
मूरत                                      मूर्ति
भगत-                                    भक्त
पछीत-                                   पीछे
कक्षा 7 हिन्दी (संपूर्ण हल)
कक्षा 7 हिन्दी (quiz/mcq)

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