पुरुषोत्तम राम के हिन्दी अनुवाद को पढ़ेंगे| परुषोत्तम राम का अर्थ जो पुरुषों में उत्तम हो अर्थात श्रीराम purushottam ram anuvad class 9 up board को बहुत आसान शब्दों में समझेंगे|
| इक्ष्वाकुवंशप्रभवो रामो नाम जनैः श्रुतः । नियतात्मा महावीर्यो द्युतिमान् धृतिमान् वशी ।।१।। |
अनुवाद – इक्ष्वाकु वंश में उत्पन्न श्री राम के नाम को लोगों द्वारा सुना जाता है। वह पवित्र आत्मा वाले, महापराक्रमी, कान्तिवान, धैर्यशाली और अपनी इंद्रियों को वश में करने वाले हैं।
| बुद्धिमान् नीतिमान् वाग्मी श्रीमाञ्छत्रुनिवर्हणः । विपुलांसो महाबाहुः कम्बुग्रीवो महाहनुः ।। २ ।। |
अनुवाद – वह श्री राम बुद्धिमान, नियतिवान वाणी में कुशल, शोभा संपन्न, शत्रुओं का विनाश करने वाले, विस्तृत कंधे वाले, विशाल भुजाओं वाले और ऊंची ठोढी वाले हैं।
| महोरस्को महेष्वासो गूढजत्रुररिन्दमः । आजानुबाहुः सुशिराः सुललाटः सुविक्रमः ।। ३ ।। |
अनुवाद – वह श्रीराम विशाल वक्षस्थल वाले, बड़ी धनुष को धारण करने वाले, दबी हंसुली वाले और शत्रुओं का विनाश करने वाले हैं। घुटनों तक फैली भुजा वाले, सुंदर सिर, सुंदर मस्तक और सुंदर पराक्रम वाले हैं।
| समः समविभक्ताङ्गः स्निग्धवर्णः प्रतापवान्। पीनवक्षा विशालाक्षो लक्ष्मीवाञ्छुभलक्षणः ।।४।। |
अनुवाद – वे राम समान रूप से विभक्त अंगों वाले, कोमल वर्ण वाले, प्रतापी, गठे हुए वक्षस्थल वाले, विशाल नेत्रों वाले, सभी प्रकार के सौंदर्य से युक्त, शुभ लक्षणों वाले हैं।
| धर्मज्ञः सत्यसन्धश्च प्रजानां च हिते रतः। यशस्वी ज्ञानसम्पन्नः शुचिर्वश्यः समाधिमान्। । ५ ।। |
अनुवाद – वे श्रीराम धर्म के ज्ञाता हैं, सत्य का संधान करने वाले हैं, प्रजाओं के कल्याण में सदैव लगे रहने वाले हैं। यशस्वी, ज्ञान से युक्त, पवित्र, इंद्रियों।को वश में करने वाले और प्रत्येक परिस्थिति में समान आचरण करने वाले हैं।
| प्रजापति समः श्रीमान् धाता रिपुनिषूदनः । रक्षिता जीवलोकस्य धर्मस्य परिरक्षिता ।। ६ ।। |
अनुवाद – श्रीराम ब्रह्मा के समान शोभा से युक्त सभी का पालन करने वाले, शत्रुओं का विनाश करने वाले हैं। जीवलोक की रक्षा करने वाले और धर्म की रक्षा करने वाले हैं।
| रक्षिता स्वस्य धर्मस्य स्वजनस्य च रक्षिता। वेदवेदाङ्गतत्त्वज्ञो धनुर्वेदे च निष्ठितः ।।७।। |
अनुवाद – वे राम अपने धर्म की रक्षा करने वाले, अपने लोगों की रक्षा करने वाले हैं। वे वेद वेदांग के तत्वों के ज्ञाता, धनुर्विद्या में निपुण हैं।
| सर्वशास्त्रार्थतत्त्वज्ञः स्मृतिमान् प्रतिभावान् । सर्वलोकप्रियः साधुरदीनात्मा विचक्षणः ।।८।। |
अनुवाद – वे राम सभी शास्त्रों के तत्वों के अर्थ को जानने वाले, मजबूत स्मरण शक्ति वाले, प्रतिभाशाली हैं। वे सभी लोगों को प्रिय, सज्जन, स्वतंत्र विचार वाले और चतुर हैं।
| स च नित्यं प्रशान्तात्मा मृदुपूर्वं च भाषते । उच्चमानोऽपि परुषं नोत्तरं प्रतिपद्यते । । ९ ।। |
अनुवाद – वह श्रीराम शांत आत्मा वाले और मधुरता पूर्वक बोलने वाले हैं। उच्च और स्वाभिमानी होने पर भी किसी के प्रति कठोर वचन का प्रयोग नहीं करते हैं।
| कदाचिदुपकारेण कृतेनैकेन तुष्यति । न स्मरत्यपकाराणां शतमप्यात्मशक्तया ।।१०।। |
अनुवाद – यदि कभी कोई एक उपकार कर देता है तो संतुष्ट हो जाते हैं। अपनी आत्मशक्ति से किसी के सौ अपकार को भी याद नहीं रखते हैं।
| सर्वविद्याव्रतस्नातो यथावत् साङ्गवेदवित्। अमोघक्रोधहर्षश्च त्यागसंयमकालवित् ।। ११ ।। |
अनुवाद – वे श्रीराम सभी विद्याओं का व्रत करने में निपुण, भलीभांति वेदों के सभी अंगों के जानकार हैं। उनका क्रोध और हर्ष कभी भी निष्फल नहीं होने वाला है, त्याग और संयम के समय को जानने वाले हैं।
सभी सहृदयों को सादर नमन ज्ञापित करता हूँ तथा अंतर्मन से उनका हार्दिक अभिनंदन एवं वंदन करता हूँ| मैं हिन्दी से डॉक्टरेट हूँ | हिन्दी संबंधी ज्ञान के आदान-प्रदान में मेरी रुचि है|