सबसे खतरनाक कविता का प्रश्न उत्तर और भावार्थ या व्याख्या आरोह क्लास 11
मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती
गद्दारी-लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती
बैठे-बिठाए पकड़े जाना बुरा तो है
सहमी-सी चुप में जकड़े जाना बुरा तो है।
पर सबसे खतरनाक नहीं होता
कपट के शोर में
सही होते हुए भी दब जाना बुरा तो है
किसी जुगनू की लौ में पढ़ना-बुरा तो है
मुट्टियाँ भींचकर बस वक्त निकाल लेना-बुरा तो है
सबसे खतरनाक नहीं होता
सबसे खतरनाक कविता का प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश पंजाबी साहित्य के महत्त्वपूर्ण कवि ‘पाश’ द्वारा रचित कविता ‘सबसे खतरनाक’ से उद्धृत है। यहाँ कवि ने संसार में व्याप्त विसंगतियों का चित्रण करते हुए बताया है कि
सबसे खतरनाक कविता की व्याख्या -आज संसार में ऐसी जड़ स्थितियाँ आ गई हैं जिनकी भयानकता और खतरों के समक्ष किसी के द्वारा कड़ी मेहनत करके कमाया गया धनलूट लेना कम खतरनाक लगता है। पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटा जाना भी उससे कम भयानक है। किसी से धोखेबाजी करना या लालच में फँसना भी ज्यादा खतरनाक नहीं होता है। बिना कोई गलत काम किए पकड़े जाना बुरी बात तो है, बेकसूर होते हुए भी घबराकर चुप रह जाना बुरी बाततो है किंतु सबसे खतरनाक नहीं है। किसी के द्वारा छलावा किए जाने पर अपने स्थान पर उचित होते हुए भी दबाव अनुभव करना गलत तो है, अस्थिर प्रकाश में पढ़ना बुरी बात तो है, विवश होकर समय काटना बुरी बात तो है किंतु सबसे खतरनाक नहीं है।
सबसे खतरनाक कविता का विशेष – यहाँ कवि ने संसार की खौफनाक स्थितियों का चित्रण किया है। दिन-प्रतिदिन समाज में बढ़ती क्रूरता का सजीव रूप प्रस्तुत किया है।’मुट्टियाँ भींचकर मुहावरे का प्रयोग सटीक बन पड़ा है। मुक्तक छंद काव्य है। सरल, सहज, विषयानुकूल भाषा है।
सबसे खतरनाक होता है
मुर्दा शांति से भर जाना
न होना तड़प का सब सहन कर जाना
घर से निकलता काम पर
और काम से लौटकर घर आना
सबसे खतरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना
सबसे खतरनाक वह घड़ी होती है
आपकी कलाई पर चलती हुई भी जो
आपकी निगाह में रुकी होती है।
सबसे खतरनाक कविता का प्रसंग – यहाँ कवि ने जड़ता को सबसे खतरनाक बताते हुए कहा है कि
सबसे खतरनाक कविता का भावार्थ – जड़ता से भरी शांति सबसे खतरनाक होती है। जिसमें किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं होती। जिसमें सब कुछ चुपचाप सहन करलेना शामिल है। घर से अपने काम पर जाना और दिनभर काम करने के बाद वापस घर लौट आना। ऐसे में जब हम अपनी इच्छाओं और कल्पनाओं को साकार रूप प्रदान करने में असमर्थ होते हैं तो वह सबसे खतरनाक हो जाता है। वह समय सबसे खतरनाक हो जाता है जो निरंतर चलता हुआ भी हमें रुका हुआ दिखाई देता है। अर्थात् एक ऐसी प्रतीक्षा जो किसी भी तरह से समाप्त होने का नाम न लेती हो, वह सबसे खतरनाक है।
सबसे खतरनाक वह आँख होती है।
जो सब कुछ देखती हुई भी जमी बर्फ होती है
जिसकी नज़र दुनिया को मुहब्बत से चूमना भूल जाती है।
जो चीज़ों से उठती अंधेपन की भाप पर दुलक जाती है
जो रोजमर्रा के क्रम को पीती हुई
एक लक्ष्यहीन दुहराव के उलटफेर में खो जाती है
सबसे खतरनाक वह चाँद होता है
जो हर हत्याकांड के बाद
वीरान हुए आँगनों में गढ़ता है
पर आपकी आँखों को मिर्चों की तरह नहीं गड़ता है
सबसे खतरनाक वह गीत होता है।
आपके कानों तक पहुँचने के लिए
जो मरसिए पढ़ता है
आतंकित लोगों के दरवाज़ों पर
जो गुंडे की तरह अकड़ता है
सबसे खतरनाक कविता का प्रसंग– यहाँ कवि ने पथरायी आँखों-सी तटस्थता के प्रति अपनी असहमति प्रकट की है। कवि आँखों की विवशता व्यक्त करते हुए कहता है कि सबसे खतरनाक कविता का भावार्थ -जो आँखें संसार में घटित होने वाली प्रत्येक घटना को बिना किसी प्रतिक्रिया के बर्फ के समान जमी शांत भाव से देखती रहती हैं, सबकुछ उनके सामने घटित होता है फिर भी उनमें शून्यता है, वे सबसे खतरनाक हैं। जो दृष्टि संपूर्ण संसार में प्रेम का प्रसार करना चाहती हैं, प्रत्येक वस्तु में चेतनता लाने के प्रयास में प्रतिकूल परिस्थितियों के समक्ष हार जाती है। प्रतिदिन के क्रिया-कलापों को अपने अंदर बसाती हैं और जब उद्देश्य हीन बातों को दोहराया जाता है तो वे भ्रमित होकर उन्हीं उलझकर खो जाती हैं। किसी की हत्या किए जाने के बाद उसके विरान आँगन मेंआकर किसी प्रकार का कोई दुख न देने वाला चाँद भी सबसे खतरनाक होता है। वह गीत भी सबसे खतरनाक होता है जो किसी की मौत के समय पढ़ा जाता है और उसे हम सुनते हैं वह गीत मौत से भयभीत लोगों को किसी उपद्रवी की भाँति डराता रहता है।
सबसे खतरनाक कविता का विशेष – यहाँ कवि ने बदली परिस्थितियों को विवश होकर देखने वाली आँखों का चित्रण किया। सब कुछ हमारी आँखों के सामने घटित होता हैऔर हम कुछ भी नहीं कर पाते हैं। आज मनुष्य लक्ष्यहीन हो गया है। ‘चाँद’ को सांत्वना देने वाले के रूप में मानवीकरण किया गया है।
सबसे खतरनाक वह रात होती है
जो जिंदा रूह के आसमानों पर ढलती है
जिसमें सिर्फ उल्लू बोलते और हुआँ हुआ करते गीदड़
हमेशा के अँधेरे बंद दरवाजों चौगाठों पर चिपक जाते हैं।
सबसे खतरनाक वह दिशा होती है।
जिसमें आत्मा का सूरज डूब जाए
और उसकी मुर्दा धूप का कोई टुकड़ा
आपके जिस्म के पूरब में चुभ जाए
मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती।
पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती.
गद्दारी लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती।
सबसे खतरनाक कविता का प्रसंग – यहाँ कवि ने ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों का उल्लेख किया है जिनके सामने आत्मा से संबंधित किसी भी प्रश्न का कोई अस्तित्व दिखाई नहीं देता है। मानव पर विपरीत परिस्थितियों के पड़ने वाले प्रभाव का वर्णन करते हुए कवि कहता है कि सबसे खतरनाक कविता की व्याख्या – प्रतिकूल परिस्थितियाँ रात के अंधकार के समान हैं जो जीवित मनुष्यों की आत्मा रूपी आसमान पर छाती जा रही हैं। उनका जीवन उनअँधेरे बंद दरवाजों और चौखटों की तरह है जिनसे उल्लू और सियार जैसे चालाक और मौकापरस्त चिपके रहते हैं। जहाँ मनुष्य को कुछ भी समझमें नहीं आता है। ऐसी रात सबसे अधिक खतरनाक होती है। जिन परिस्थितियों में मनुष्य की आत्मा रूपी सूरज अस्त हो जाता है अर्थात् मनुष्य कीआत्मा मृत प्राय हो जाती है वैसी दशा भी सबसे खतरनाक होती है और मृत धूप रूपी इच्छा का कोई-न-कोई भाग हमारे हृदय को हमेशा दुखपहुँचाता रहता है। इन सबके आगे मेहनत की कमाई का लूटना, पुलिस की मार खाना, धोखे और लालच से भरा व्यक्तित्व खतरनाक नहीं होसकते।
सबसे खतरनाक कविता का विशेष – यहाँ कवि ने बताया है कि प्रतिकूल परिस्थितियों में आत्मा दमित होती जा रही है। प्रतीकात्मक शब्दों का प्रयोग किया गया है।
सबसे खतरनाक कविता का प्रश्न उत्तर
1. कवि ने किस आशय से मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गहारी लोभ को सबसे खतरनाक नहीं माना।
उत्तर– कवि का आशय यह है कि आज चारों तरफ शोषण का बोलबाला है। मजदूरों के पूरे पैसे नहीं दिए जाते हैं। लोग पुलिस द्वारा किए जानेवाले अत्याचारों के अभ्यस्त हो गए हैं, आज समाज में धोखाधड़ी और लोभ-लालच पूरी तरह से फैल चुका है, इसलिए कवि ने मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी लोभ को सबसे खतरनाक नहीं माना।
2. सबसे खतरनाक शब्द के बार-बार दोहराए जाने से कविता में क्या असर पैदा हुआ?
उत्तर– ‘सबसे खतरनाक’ शब्द के बार-बार दोहराए जाने से कविता में रोचकता आ गई है। पाठक यह जाने को उत्सुक दिखाई देता है कि वह कौन-सी चीज है जो सबसे खतरनाक है। साथ ही समाज में व्याप्त क्रूरता और प्रतिकूलता पर विशेष प्रकाश डालने के उद्देश्य से ‘सबसे खतरनाक’ शब्दको दोहराया गया है।
3. कवि ने कविता में कई बातों को बुरा है न कहकर बुरा तो है कहा है। तो के प्रयोग के कवन की भंगिमा में क्या बदलाव आया है, स्पष्टकीजिए।
उत्तर– ‘तो’ के प्रयोग से कथन की भोगना में पर्याप्त बदलाव आ जाता है। ‘बुरा है’ से सीधा अर्थ की उसके बुरे होने में कोई शक नहीं है, ‘बुरा तो है’ से अभिप्राय है कि बुराई तो उसमें है लेकिन लोगों द्वारा स्वीकार किए जाने पर उसकी बुराई ज्यादा नहीं झलकती है।
4. मुर्दा शांति से भर जाना और हमारे सपनों का मर जाना इनको सबसे खतरनाक माना गया है। आपकी दृष्टि में इन बातों में परस्पर क्या संगतिहै और ये क्यों सबसे खतरनाक है?
उत्तर– ‘ मुर्दा शांति से भर जाना’ और ‘हमारे सपनों का मर जाना’ दोनों में परस्पर घनिष्ठ संगति है। मनुष्य प्रतिकूल परिस्थितियों के समक्ष चुप रहने को विवश हो जाता है और इसी विवशता के कारण वह अपने जीवन के सपने पूरे नहीं कर पाता है। परिणामस्वरूप उसके सपने टूट जाते हैं।विषम परिस्थितियों में दवे व्यक्ति की खामोशी बहुत खतरनाक होती है। ऐसी शांति तूफान से पहले की शांति कहलाती है। इसी तरह सपनों को साकार करने के लिए व्यक्ति कोई भी खतरनाक रास्ता अपनाने को तैयार हो सकता है।
5- सबसे खतरनाक वह घड़ी होती है आपकी कलाई पर चलती हुई भी जो आपकी निगाह में रुकी होती है। इन पंक्तियों में घड़ी शब्द की व्यंजना से अवगत कराइए।
उत्तर– घड़ी से अभिप्राय ऐसे समय से है जो परोक्ष रूप में चलता तो है लेकिन जीवन की विडंबनाओं और दुखों के कारण प्रत्यक्ष रूप में चलता दिखाई नहीं देता है। जब व्यक्ति दुखी होता है और उसे परिस्थितियों के बदलने की प्रतीक्षा होती है तो उसके लिए एक-एक पल काटना मुश्किल हो जाता है।
6- वह चाँद सबसे खतरनाक क्यों होता है, जो हर हत्याकांड के बाद / आपकी आँखों में मिचों की तरह नहीं गड़ता है?
उत्तर– वह चाँद सबसे खतरनाक होता है जो समाज में होने वाले अत्याचारों के प्रति दुख संवेदना को अभिव्यक्ति करने में अवरोधक बनता है जो वास्तविकता को छिपाने का प्रयत्न करता है। जीवन के यथार्थ को छिपाना खतरनाक है।
सबसे खतरनाक कविता के आस-पास
1. कवि ने मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती से कविता का आरंभ करके फिर इसी से अंत क्यों किया होगा।
उत्तर– कवि ने ‘मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती’ से कविता का आरंभ करके फिर इसी से अंत किया है इसका कारण यह है कि आज के परिवेश में मेहनतकश की मजदूरी को सहजता और सरलता से हड़प लिया जाता है | लेकिन वह किसी प्रकार का न तो विरोध करता है और न ही उनके खिलाफ आवाज उठाता है। केवल निरीह बनकर रह जाता है। इसलिए वह खतरनाक नहीं है। उसके मुकाबले और बहुत-सी बातें हैं जो खतरनाक सिद्ध हो सकती हैं लेकिन मजदूर का हक मारना खतरनाक नहीं है।
2. कवि द्वारा उल्लिखित बातों के अतिरिक्त समाज में अन्य किन बातों को आप खतरनाक मानते हैं?
उत्तर– समाज में मौजूद खतरनाक बातों को समाप्त करने के लिए संघर्ष करना चाहिए। हमें अपने विचारों को बदलना चाहिए तथा निरंतरगतिशील बने रहना चाहिए। हमें अपनी रूढ़ियों को छोड़ना चाहिए।
3- समाज में मौजूद खतरनाक बातों को समाप्त करने के लिए आपके क्या सुझाव हैं?
उत्तर– समाज में मौजूद खतरनाक बातों को समाप्त करने के लिए सबसे प्रतिकूल परिस्थितियों से संघर्ष करके उन्हें अपने अनुकूल बनाना होगा। समाज में ऐसा वातावरण तैयार करना होगा कि शोषित वर्ग आगे बढ़कर शोषकों का विरोध करने का साहस जुटा सके। अपना भविष्य बनाने के लिए लोगों के पास उपयुक्त साधन उपलब्ध हों।