भारतीय कलाएँ वितान क्लास 11
1. कला और भाषा के अंतसंबंध पर आपकी क्या राय है? लिखकर बताएँ।
उत्तर– कला और भाषा के बीच अन्योन्याश्रय संबंध है। सृष्टि के प्रारंभ से ही भाषा की अनुपलब्धता के बावजूद मनुष्य, अपने मन में उठने वालेभावों और विचारों को चित्र के रूप में अभिव्यक्त करने लगा। सिंधु घाटी सभ्यता में मिले चित्र और प्रागैतिहासिक काल में मिले प्राचीन चित्रकला के साक्ष्य इस बात की पुष्टि करते हैं। बुद्धि के विकास यानी ज्ञान का दायरा बढ़ने पर भाषा का जन्म हुआ। अब ताम्र पत्र, अभिलेख और कागजपर चित्रांकन होने लगा। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि भाषा के उद्भव और विकास में कला का अभिन्न योगदान है। दोनों का परस्पर घनिष्ठ संबंध है।
2. भारतीय कलाओं और भारतीय संस्कृति में आप किस तरह का संबंध पाते हैं?
उत्तर– भारतीय कलाओं और भारतीय संस्कृति में घनिष्ठ संबंध है। विविधता उत्सवधर्मी देश भारत की विशिष्ट पहचान है। भारत के अलग-अलगराज्यों की अपनी-अपनी विशिष्ट कलाएँ हैं। भारतीय कलाओं को भारतीय संस्कृति में मनाए जाने वाले त्योहारों, उत्सवों से अलग नहीं किया जासकता। भारतीय कलाएँ जन्मोत्सव से लेकर शादी-ब्याह, पूजा तथा खेती-बाड़ी से भी जुड़ी हैं। मनुष्य के जीवन से जुड़ी होने के कारण ही भारत की ये विशिष्ट कलाएँ भारतीय संस्कृति के विरासत के प्रति हमें उत्साह और विश्वास से भर देती हैं।
3. शास्त्रीय कलाओं का आधार जनजातीय और लोक कलाएँ हैं- अपनी सहमति और असहमति के पक्ष में तर्क दें।
उत्तर– शास्त्रीय कलाओं का आधार जनजातीय और लोक कलाएँ हैं- मैं इस कथन से पूर्णतया सहमत हूँ जनजातीय और लोककला की कलांतर में जाकर शास्त्रीय कलाओं का आधार बनी। प्रारंभिक दौर में सभी कलाओं का संबंध लोक या समूह से था। आगे जाकर साहित्य, चित्र, संगीत, नृत्य कलाएँ राजाओं और विभिन्न शासकों के संरक्षण में जाकर धीरे-धीरे शास्त्रीय नियमों में बँधी इस प्रकार महलों और मंदिरों से विकसित होती हुई ये कलाएँ शास्त्रीय स्वरूप ग्रहण करती गई कला की दृष्टि से स्वर्ण युग कहे जाने वाले गुप्त साम्राज्य जनजातीय और लोक कलाएँ अपनी पराकाष्ठा पर पहुँच गई। भरत मुनि के नाट्यशास्त्र में जनजातीय और लोक कलाओं का शास्त्रीय स्वरूप बना, जो कला की दृष्टि से अब तक का सबसे महत्वपूर्ण शास्त्र है।