सिन्धु घाटी सभ्यता के प्रश्न उत्तर क्लास 8
1. भारत के प्राचीन इतिहास की समझ में क्रांति का क्या कारण है
उत्तर– भारत के प्राचीन इतिहास की समझ में क्रांति का कारण सिंधु घाटी के वे अवशेष हैं जो सिंधु में मोहनजोदड़ो और पश्चिमी पंजाब में हड़प्पा में खुदाई के दौरान मिले थे
2. सिंधु घाटी सभ्यता की प्रमुख विशेषताएं बताइए।
उत्तर– सिंधु घाटी सभ्यता कलाओं और जीवन की सुख-सुविधाओं में तकनीकी प्रगति कर ली थी। सिंधु घाटी सभ्यता में सड़कों पर दुकानों की कतारें थी और दुकाने संभवतः छोटी थी । सिंधु घाटी सभ्यता मुख्य रूप से धर्मनिरपेक्ष सभ्यता थी। सिंधु घाटी सभ्यता में व्यापारी वर्ग संपन्न थे सिंधु घाटी सभ्यता में जल निकासी के लिए नालियों की व्यवस्था थी।
3. सिंधु घाटी सभ्यता के नष्ट हो जाने के क्या कारण माने जाते हैं
उत्तर– सिंधु घाटी सभ्यता के नष्ट हो जाने के निम्नलिखित तीन कारण माने जाते हैं
1- अकस्मात दुर्घटना ।
2- भयंकर बाढ़ ।
3- मौसम में परिवर्तन के कारण खेतों का रेगिस्तान में बदल जाना।
4. किस आधार पर माना जाता है कि सिंधु घाटी सभ्यता केवल सभ्यता भर नहीं बल्कि उससे बहुत अधिक है
उत्तर– सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष बहुत दूर-दूर तक फैले हुए मिले हैं। एक पश्चिम में काठियावाड़ में और दुसरी पंजाब के अंबाला जिले में प्राप्त हुए हैं। माना जाता है कि यह सभ्यता गंगा की घाटी की तरह फैली हुई है। अतः यह सभ्यता से बहुत अधिक है आगे या विकसित हो गई है।
5. सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के बारे में क्या कल्पना की जाती है
उत्तर– कुछ लोगों का मानना है कि सिंधु घाटी सभ्यता के लोग भारत के ही थे इनकी संस्कृति की जड़ें और शाखाएं दक्षिण भारत में भी मिल सकती है। इन लोगों और दक्षिण भारत के द्रविड़ जातियों के बीच कई समानताएं दिखाई देती हैं।
6. भारत में आर्य कब आए थे?
उत्तर– ऐसा माना जाता है कि भारत में आर्यों का प्रवेश सिंधु घाटी युग के लगभग 1000 वर्ष बाद हुआ था।
7. वेद और अवेस्ता में क्या समानता है?
उत्तर– वेदों की रचना भारत भूमि पर हुई थी पर अवेस्ता की रचना ईरान में हुई थी। वेदों और अवेस्ता की विषय वस्तु व भाषा में अद्भुत समानता है। वेद भारत के अपने संस्कृत महाकाव्य की अपेक्षा अवेस्ता के अधिक निकट प्रतीत होती है।
8. भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा पुराना इतिहास कौन सा है?
उत्तर– भारतीय संस्कृत का सबसे पुराना इतिहास वेद है भारतीय विद्वान इसे अति प्राचीन मानते हैं । विद्वानों का मानना है कि इसकी रचना 1500 ईसा पूर्व हुई थी।
9. वेद क्या है?
उत्तर– वेद को हिंदू धर्म का पवित्र ग्रंथ माना जाता है वेद की उत्पत्ति विद् धातु से हुई है जिसका अर्थ है ‘जानना’
10. वेद की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर– वेद की विशेषताएं इस प्रकार हैं-
वेदों में काव्य संग्रह किया गया है। वेदों में प्रकृति के सौंदर्य और रहस्य के प्रति भाव छिपे हैं। वेदों में आर्यों ने आत्मा पर बहुत कम ध्यान दिया है। वेदों में देव मंदिर और मूर्ति पूजा का उल्लेख नहीं है। वेद में पुनर्जन्म को स्वीकार नहीं किया गया है।
11. हमारे देश में किन दो तरह की समानांतर धाराएं दिखाई देती हैं?
उत्तर– हमारे देश में विचार और कर्म की दो समानांतर धाराएं दिखाई देती हैं एक वह जो जीवन को सहज रूप में स्वीकार करती है और दूसरे वह जो जिंदगी से बच कर निकल जाना चाहती है।
12. नेहरू जी ने परलोक परायणता के विषय में क्या कहा है?
उत्तर– नेहरू जी का कहना है कि प्रत्येक देश के निर्धन और अभागे लोग एक सीमा तक परलोक में विश्वास करते हैं। जब तक कि वे क्रांतिकारी नहीं हो जाते परतंत्र देशों पर भी यही बात लागू होती है पर वह सभी भी परलोक परायण हो जाते हैं।
13. उपनिषद की प्रमुख विशेषताएं लिखिए।
उत्तर– उपनिषद में आत्मबोध को अनिवार्य रूप से महत्व दिया गया है। उपनिषद में किसी प्रकार के हठवादिता नहीं है। उपनिषद में सच्चाई पर बल दिया गया है। उपनिषद में जादू टोने इत्यादि रूढ़ियों में दिलचस्पी नहीं बताई गई है। उपनिषद में सच्चे ज्ञान के बिना कर्मकांड और पूजा पाठ को व्यर्थ बताया गया है। उपनिषद का समय ईसा पूर्व आठ सौ के लगभग माना जाता है। उपनिषद में सत्य की खोज के प्रति उत्साह दिखाई देता है। उपनिषद भारतीय आर्यों के चिंतन से कुछ आगे के चिंतन पर आधारित है।
14. भौतिकवाद के साहित्य के नष्ट हो जाने का क्या कारण है?
उत्तर– हमारे देश में उपनिषदों के बाद भौतिकवाद से संबंधित साहित्य लिखे गए थे। जिसे पुरोहितों और धर्म के पुराण पंथी स्वरूप में विश्वास रखने वालों ने नष्ट कर दिया था।
15. उपनिषदों में दी गई प्रसिद्ध प्रार्थना में प्रकाश और ज्ञान की क्या कामना की गई है?
उत्तर– उपनिषदों में एक बेचैन और व्याकुल मन बार-बार कहता है असत्य से मुझे सत्य की ओर ले चल, अंधकार से मुझे प्रकाश की ओर ले चल, मृत्यु से मुझे अमरत्व की ओर ले चल, ‘ऐतरेय ब्राह्मण’ में प्रत्येक इस लोक के अंत में दिया गया है- ‘चरैवेति चरैवेति’ अर्थात हे यात्री! इसलिए चलते रहो, चलते रहो।
16. व्यक्तिवादी दर्शन के क्या लाभ हैं?
उत्तर– व्यक्तिवादी दर्शन के लाभ इस प्रकार हैं–
जीवन में प्रगति के लिए स्वस्थ शरीर और स्वच्छ मन को महत्व दिया गया है। तन-मन दोनों को अनुशासित रहते हैं। इतने व्यापक ढांचे में रहकर लोगों को अपनी पसंद की जिंदगी दी जीने की छूट दी गई है।
17. व्यक्तिवादी दर्शन की क्या हानियां हैं?
उत्तर– व्यक्तिवादी दर्शन की हानियां इस प्रकार हैं-
सामाजिक कर्तव्यों की अवहेलना की गई है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को बांटने और बदले को छूट दी गई है। समाज के साथ एकात्मकता स्थापित नहीं की गई है। समाज के प्रति कोई कल्पना और दायित्व बोध नहीं है।
18. हमारा प्राचीन साहित्य समय के साथ नष्ट हो गया। क्यों?
उत्तर– प्रारंभ में कागज का आविष्कार न होने के कारण प्राचीन काल में हमारा प्राचीन साहित्य ताड़ पत्रो या भोजपत्रों पर लिखा गया था। लेकिन समय की मार से वह नष्ट हो गया इसलिए हमारा प्राचीन साहित्य का बहुत बड़ा भाग अब प्राप्त नहीं हो पाता।
19. भौतिकवाद से संबंधित साहित्य की विशेषताएं लिखिए
उत्तर– भौतिकवाद में विश्वास की स्वतंत्रता पर बल दिया गया है। भौतिकवाद में नैतिक नियम मनुष्य के द्वारा बनाई गई सीढ़ियां मात्र है। भौतिकवाद में जादू टोने और अंधविश्वास की घोर निंदा की गई है। भौतिकवाद में अतीत के प्रमाणों को अस्वीकार किया गया है। भौतिकवाद में मन बुद्धि और अन्य सभी वस्तुओं का विकास मूल तत्वों से हुआ है, ऐसा माना गया है। भौतिकवाद में वर्तमान पदार्थ और संसार को अधिक महत्व दिया गया है।
20. रामायण और महाभारत भारतीय जीवन के अंग क्यों हैं?
उत्तर– इनसे मतभेदों को सुलझाने की दिशा दिखाई देती है। इनमें सांस्कृतिक विकास की विभिन्न श्रेणियों के लिए शुद्ध भारतीय ढंग की सामग्री विद्यमान है। इनसे बहुत से प्राचीन रहस्य सुलझ जाते हैं। इनसे एकता का दृष्टिकोण प्राप्त होता है।
21. प्राचीन भारतीय इतिहास की ठीक-ठीक जानकारी प्राप्त क्यों नहीं हो पाती?
उत्तर– प्राचीन भारत में यूनान, चीन और अरब देशों की तरह इतिहासकार नहीं थे। इसलिए अतित प्राचीन इतिहास की ठीक-ठीक जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती।
22. प्राचीन भारतीय इतिहास की जानकारी प्राप्त करने के कौन-कौन से माध्यम हैं?
उत्तर– प्राचीन भारतीय इतिहास की जानकारी निम्नलिखित माध्यमों से प्राप्त की जा सकती है-
1-महाकाव्य और अन्य ग्रंथों से।
2-प्राचीन सिक्कों से।
3-शिलालेखों, अभिलेखों, कलाकृतियों और इमारतों से। 4-विदेशी यात्रियों के यात्रा वृतान्त से।
5-कल्हण की राजतरंगिणी से।
23. महाभारत का महत्व प्रतिपादित कीजिए।
उत्तर– महाभारत विश्व की श्रेष्ठतम रचनाओं में से है। यह परंपराओं तथा प्राचीन भारत की राजनीतिक और सामाजिक संस्थाओं का विश्वकोश है। महाभारत में बुनियादी एकता पर बल दिया गया है। महाभारत में नई स्थिति के अनुसार वैदिक धर्म का संशोधन किया गया है। महाभारत में अनेक अनमोल शिक्षाएं दी गई हैं।
24. भगवद्गीता की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर– भगवद्गीता महाभारत का अति महत्वपूर्ण अंश है। भगवद्गीता में 700 श्लोक हैं। भगवद्गीता काव्य रूप में लिखा गया है। भगवद्गीता लोकप्रिय रचना है। भगवत गीता में भक्ति पर अधिक बल दिया गया है। भगवद्गीता युगधर्म का पाठ पढ़ाती है। भगवद्गीता की दृष्टि सार्वभौमिक है।
25. जातक कथाएं क्या है?
उत्तर– जातक कथाएं बुद्ध के समय से पहले के वृतांत को प्रकट करने वाली कथाएं हैं। ये उस समय की कथाएं हैं जब भारत को दो प्रधान जातियां द्रविण और आर्य आपस में मिल रही थी।
26. महाभारत से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर– महाभारत से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सच्चे आनंद के लिए दुख भोगना आवश्यक है। महाभारत से हमें यह शिक्षा मिलती है कि धर्म से जीवन को अमर बनाया जा सकता है। महाभारत से हमें यह शिक्षा मिलती है कि दूसरों के साथ ऐसा आचरण मत करो जो तुम्हें खुद अपने लिए स्वीकार्य ना हो। महाभारत से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सच्चे आनंद के लिए दुख भोगना आवश्यक है। महाभारत से हमें यह शिक्षा मिलती है कि असंतोष प्रगति का प्रेरक है।
27. प्राचीन भारत में जीवन और कर्म की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर– प्राचीन भारत में ग्राम सभाएँ एक सीमा तक स्वतंत्र थी। गांव की आमदनी का मुख्य साधन लगा था। उत्तर पश्चिम में मिलने वाले कुछ लेख खरोष्ठी लिपि में है। संस्कृत भाषा का पूर्ण विकास हो चुका था। पूरा गांव सहकारिता के नियमों पर काम करता था व्यापारी वर्ग समुद्री यात्राएं किया करते थे।
28. प्राचीन काल में भारतीय कैसे थे?
उत्तर– प्राचीन भारत में भारतीय खुले दिल के आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय वाले थे। रहस्यों को खोजने का प्रयत्न करते रहते थे। वे मर्यादाओं और मूल्यों को महत्व देते थे। जीवन के सहज आनंद को प्राप्त करते थे।
29. का प्राचीन भारत में शल्य चिकित्सा पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर– प्राचीन भारत में शल्य चिकित्सा क्षेत्र में सुश्रुत की विशेष पहचान थी। उन्होंने शल्य चिकित्सा से संबंधित अनेक पुस्तकें लिखी हैं। तब शल्य चिकित्सा के दौरान मुर्दों की चीर फाड़ करवाई जाती थी। सुश्रुत ने शल्यक्रिया के औजारों का वर्णन किया है।
30. पाणिनि के व्याकरण पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर– पाणिनी ने छठी ईसा पूर्व में संस्कृत भाषा में प्रसिद्ध व्याकरण अष्टाध्यायी की रचना की थी। उन्होंने अपने से पहले के व्याकरणों का भी उल्लेख किया था। उस समय तक संस्कृत साहित्य की भाषा बन चुकी थी। पाणिनि व्याकरण में बाद में विद्वानों द्वारा अनेक वार्तिक जोड़े गए।
31. प्राचीन भारत में वन शिक्षालय क्या थे?
उत्तर– प्राचीन भारत में वनों में विश्वविद्यालय बनाए जाते थे जो कस्बों या शहरों से बहुत दूर नहीं होते थे। इनमें शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षण प्रशिक्षण देते थे।
32. प्राचीन भारत में वन शिक्षालय के क्या उद्देश्य थे?
उत्तर– प्राचीन भारत में वन शिक्षालय के उद्देश्य शिक्षा के साथ-साथ चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराना था।
33. महात्मा बुद्ध के व्यक्तित्व की विशेषताएं बताइए।
उत्तर– बुद्ध ने चमत्कारों और आध्यात्मिकता की निंदा की थी। बुद्ध ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया था। बुद्ध ने वेदना और दुख को बहुत ही ज्यादा महत्व दिया था। बुद्ध का मार्ग मध्यम मार्ग था। बुध का विश्वास था कि तर्क विवेक और अनुभव से सब कुछ जाना जा सकता है।
34. जैन धर्म और बौद्ध धर्म वैदिक धर्म से भिन्न क्यों थे?
उत्तर– जैन और बौद्ध धर्म दोनों वैदिक धर्म से अलग होकर बने थे। उन्होंने वेदों को प्रमाण रूप में स्वीकार नहीं किया था दोनों ने अहिंसा पर बल दिए थे। ये यथार्थवादी थे। इन दोनो ने पुनर्जन्म को अस्वीकार किया है।
35. महात्मा बुद्ध के जन्म, बोध और निर्वाण में क्या विशेषता है?
उत्तर– महात्मा बुध का जन्म वैशाख (मई-जून) के महीने में पूर्णिमा के दिन हुआ था। उन्हें इसी तिथि को बोध प्राप्त हुआ था और अंत में इसी तिथि को 80 वर्ष की आयु में निर्वाण भी प्राप्त हुआ था।
36. चंद्रगुप्त मौर्य पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर– चंद्रगुप्त शक्तिशाली और साहसी शासक था। उसने चाणक्य की सहायता से मौर्य साम्राज्य की स्थापना की थी। उसे मगध के शक्तिशाली नंद साम्राज्य से निकाल दिया गया था। जिसकी राजधानी पाटलिपुत्र थी। बाद में चंद्रगुप्त ने पाटलिपुत्र पर अधिकार कर लिया था। चंद्रगुप्त मौर्य अपनी प्रजा का बहुत ही ध्यान रखता था। वह उनके सुख-दुख में हमेशा उनका साथ देता था।
37. चाणक्य द्वारा लिखित ‘अर्थशास्त्र’ की विशेषता बताइए।
उत्तर– चाणक्य की पुस्तक अर्थशास्त्र अनेक विषयों पर लिखी गई थी। यह पुस्तक सिद्धांत और व्यवहार के वर्णन के साथ-साथ अनुशासन और किलेबंदी के महत्व को बताती है । इस पुस्तक में व्यापार, वाणिज्य, कानून और न्यायालय, नगर व्यवस्था, सामाजिक रीति रिवाज, दस्तकारी, जलमार्ग, सिंचाई, जनगणना, मछली उद्योग, जेल, आदि सभी विषयों का विस्तृत चित्रण किया गया है। अर्थशास्त्र में राजा और प्रजा से संबंधित विभिन्न विषयों पर विचार प्रकट किए गए हैं।
38. सम्राट अशोक की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर– अशोक ने 273 ईसा पूर्व में महान मौर्य साम्राज्य को उत्तराधिकार में पाया था। 41 वर्षों तक लगातार वहां पर वह शासन किया। 232 ईसा पूर्व में उसकी मृत्यु हुई थी। उसकी राजधानी तक्षशिला थी। उसके राज्य का विस्तार मध्य एशिया तक फैल चुका था। केवल दक्षिण पूर्व और दक्षिण का क्षेत्र उसके अधिकार में नहीं था उसे जीतने के लिए उसने पूर्वी तट के कलिंग प्रदेश पर आक्रमण कर दिया। कलिंगवासी बहुत बहादुरी से उसका मुकाबला किए। इस भीषण युद्ध के बाद अशोक की विजय हुई लेकिन इस नरसंहार को देख कर उसे बहुत पछतावा हुआ। इसके बाद उसने भविष्य में कभी युद्ध न करने की प्रतिज्ञा कर ली और इस तरह वह बौद्ध धर्म को स्वीकार करके बौद्ध धर्म का अनुयायी बन गया।