उत्साह और अट नहीं रही है का भावार्थ, प्रश्न और उत्तर,अन्य प्रश्न कक्षा 10
इस पोस्ट में हम उत्साह और अट नहीं रही है पाठ संबंधी निम्नलिखित विंदुओं पर चर्चा करेंगे। उत्साह कविता का सारांश, उत्साह कविता का भावार्थ व व्याख्या, उत्साह कविता के प्रश्न उत्तर, उत्साह कविता के अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न, अट नहीं रही है कविता का सारांश, अट नहीं रही है कविता का भावार्थ व व्याख्या, अट नहीं रही है का प्रश्न उत्तर, अट नहीं रही है कविता के अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न,
उत्साह कविता का सार या सारांश
उत्साह एक आवाह्नपरक कविता है। उत्साह कविता के कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला हैं। कवि ने बादल को उत्साह का प्रतीक मानते हुए इस कविता की सर्जना की है। कवि ने यह कविता युवावर्ग को समर्पित किया है क्योंकि युवा ही देश का भविष्य होता है।जिस प्रकार से बादल में पूरे मौसम को परिवर्तित कर देने की शक्ति होती है उसी प्रकार से युवावर्ग में देश की दशा और दिशा बदल देने की शक्ति विद्यमान होती है। कवि कहता है कि हे युवावर्ग बादल के समान गर्जना करते हुए तुम समाज में क्रांति की लहर व्याप्त करा दो जिससे पुरानी रूढ़ियाँ और परम्पराएँ दूर हो जाएँ। युवावर्ग को कवि ने क्रांति और परिवर्तन का प्रतीक माना है।
उत्साह कविता का भावार्थ व व्याख्या
बादल, गरजो!
घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
ललित ललित, काले घुँघराले,
बाल कल्पना। के-से पाले,
विद्युत छवि उर में, कवि, नवजीवन वाले
वज्र छिपा नूतन कविता
फिर भर दो-
बादल गरजो!
उत्साह कविता का संदर्भ- प्रस्तुत पद्यांश हिंदी की पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग दो के उत्साह नामक कविता से लिया गया है। जिसके कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला हैं।
अट नहीं रही है का सार या सारांश
अट नहीं रही है कविता के कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला है। इस कविता में कवि ने फाल्गुन महीने के सौंदर्य का बड़ा ही मनोहारी चित्रण किया है। फाल्गुन महीने में प्राकृतिक सौंदर्य जड़-चेतन में समाहित हो जाता है। कवि कहता है कि फाल्गुन महीने में प्राकृतिक सौंदर्य इतना ज़्यादा फैल गया है कि वह सृष्टि में नहीं अट नहीं रहा है। इसीलिए कवि ने इस कविता का शीर्षक अट नहीं रही है रखा है।
अट नहीं रही है का भावार्थ व व्याख्या
अट नहीं रही है कविता का संदर्भ- प्रस्तुत पद्यांश हिंदी की पाठ्य पुस्तक क्षितिज भाग 2 के अट नहीं रही है नामक कविता से लिया गया है। जिसके कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला है।
अट नहीं रही है का भावार्थ व व्याख्या– अट नहीं रही है कविता में कवि कहता है कि फागुन के महीने की कांति कहीं भी समा नहीं रही है। फागुन में प्राकृतिक उपमानों का सौंदर्य इतना अनुपम और मनोहारी हो गया है कि वह पूरी तरह से शरीर के अन्दर नहीं समा पा रहा है। सर्वत्र सुंदर एवं हृदयग्राही नज़ारे बिखरे हुए हैं, वे सभी एक साथ मन में नहीं बसाए जा सकते हैं।
अट नहीं रही है कविता में कवि निराला फागुन को संबोधित करते हुए कहते हैं कि हे फागुन! जहाँ कहीं भी साँसे ली जाती है वहीं से सुगंध आती है। फागुन ने ही सुगंध से परिपूर्ण आकाश में उड़ने के लिए सभी को पंख लगा दिए हैं। फागुन के महीने में सभी प्राणियों पर मस्ती का वातावरण छा जाता है और प्रसन्नता के कारण स्वयं को हल्का अनुभव करते हैं। चारों तरफ इतना अधिक सौंदर्य फैल गया है यदि मैं उससे अपनी आँखों को हटाना चाहता हूँ तो भी इतना विवश हूँ कि चाहते हुए भी मैं अपनी आँखें नहीं हटा पा रहा हूँ।
अट नहीं रही है कविता में कवि कहता है कि फागुन के महीने में चारों तरफ हरियाली छाई हुई है। पेड़ों की डालियाँ हरे और किसलयी लाल रंग की पत्तियों से आच्छादित हैं। कहीं पेड़-पौधों की छाती पर मंद-सुगंध से महकते फूलों की मालाएँ सुशोभित हो रही है। पेड़-पौधे खिले हुए सुगंधित फूलों से लद जाते हैं। प्रकृति का एक-एक अंग सौंदर्य से परिपूर्ण है और वह सुंदरता इतनी अधिक है कि उन जगहों पर समा नहीं रही है।
उत्साह के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर गरजने ‘ के लिए कहता है, क्यों?
प्रश्न 2 कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?
प्रश्न 3. उत्साह कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?
प्रश्न 4. शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद सौंदर्य कहलाता है। उत्साह कविता में ऐसे कौन-से शब्द है जिनमें नाद-सौंदर्य मौजूद हैं, छाँटकर लिखें।
अट नहीं रही है के प्रश्न उत्तर
1- छायावाद की एक खास विशेषता है अंतर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है? लिखिए।
2- कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?
3- प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है?
प्रश्न 4, फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है?
प्रश्न 5. इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प की विशेषताएँ लिखिए।
उत्साह और अट नहीं रही है की रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न- होली के आस-पास प्रकृति में जो परिवर्तन दिखाई देते हैं, उन्हें लिखिए।
उत्साह अट नहीं रही है के अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
1- उत्साह कविता के कवि कौन हैं?
उत्तर- उत्साह कविता के कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला हैं।
2- उत्साह कविता को कवि ने किसे समर्पित किया है?
उत्तर- उत्साह कविता को कवि ने युवावर्ग को समर्पित किया है।
3- उत्साह कविता का उद्देश्य क्या है?
उत्तर- उत्साह कविता का उद्देश्य युवावर्ग में सकारात्मक परिवर्तन के लिए जोश व ओज की भावना का संचार करना है।
4- उत्साह कविता से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर- उत्साह कविता से यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने जीवन में सदैव सजग रहना चाहिए। यदि कहीं किसी को बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है तो उसको सहयोग के लिए हमें आवाज उठानी चाहिए।
5- उत्साह कविता में बादल किसके प्रतीक हैं?
उत्तर- उत्साह कविता में बादल क्रांति व परिवर्तन के प्रतीक हैं।
6- उत्साह कैसी कविता है।
उत्तर- उत्साह आवाहनपरक प्रेरणात्मक कविता है।
7- कवि नूतन कविता किससे करने के लिए कहता है?
कवि युवावर्ग से नूतन कविता करने के लिए कहता है।
8- अट नहीं रही है कविता के कवि कौन हैं?
उत्तर- अट नहीं रही है कविता के कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला हैं।
9- अट नहीं रही है कविता में कवि ने किस महीने के सौंदर्य का चित्रण किया है?
उत्तर- अट नही रही है कविता में कवि ने फाल्गुन महीने के सौंदर्य का चित्रण किया है।
10- अट नहीं रही है कविता का उद्देश्य क्या है?
उत्तर- अट नहीं रही है कविता का उद्देश्य प्राकृतिक सौंदर्य का संरक्षण है ।
11- कवि बादल से किसको शीतल कर देने के लिए कहता है?
उत्तर- कवि बादल से तप्त धरा को शीतल कर देने के लिए कहता है।
उत्साह और अट नहीं रही है के अभ्यास प्रश्न
प्रश्न– अट नहीं रही है कविता का सार अपने शब्दों में लिखिए।
प्रश्न– उत्साह कविता का उद्देश्य स्पष्ट शब्दों में लिखिए
प्रश्न– बादल आने से पूर्व प्राणियों की मनोदशा का चित्रण कीजिए
प्रश्न– कवि युवा कवियों से क्या आवाहन कर रहा है?
प्रश्न– कवि ने क्रांति लाने के लिए किसका आवाहन किया है? और क्यों ?
प्रश्न– कवि ने नवजीवन शब्द का प्रयोग बादलों के लिए भी किया है। अपने विचार दीजिए।