रक्त और हमारा शरीर का सारांश / rakt aur hamara sharir summary class 7
रक्त की जाँच के लिए वे दूसरे कमरे में गए वहाँ डॉक्टर दीदी जी उनकी जान-पहचान की थीं। उन्होंने दिव्या का रक्त जाँच के लिए लिया व स्लाइड पर डालकर सूक्ष्मदर्शी में देखा। अगले दिन रिपोर्ट देते समय उन्होंने अनिल से कहा कि दिव्या को ‘एनीमिया’ है। एनीमिया क्या है?-खून की कमी से यह बीमारी हो जाती है। कई बार पेट में कीडों के कारण भी यह बीमारी होती है।
पेट में कीड़े दूषित जल और खाद्य पदार्थों से हो जाते हैं। धरती की ऊपरी सतह पर भी एक प्रकार के कीड़े होते हैं जो नंगे पाँव रहने से त्वचा के रास्ते शरीर में प्रवेश कर आँतों में चले जाते हैं। डॉक्टर दीदी ने अनिल को सूक्ष्मदर्शी द्वारा रक्त की स्लाइड दिखाई और बताया कि रक्त के दो भाग होते हैं तरल पदार्थ प्लाज्मा, दूसरा वह जिसमें छोटे-बड़े कई कण होते हैं। कुछ लाल, कुछ सफ़ेद व कुछ ऐसे जिनका कोई रंग नहीं होता जिन्हें प्लेटलैट कण कहते हैं ये कण प्लाज्मा में तैरते रहते हैं।
प्लेटलेट कण के कण चोट लगने पर रक्त जमाव क्रिया में मदद करते हैं। प्लाज्मा में एक विशेष प्रकार की प्रोटीन होती है, जो रक्त वाहिका की कटी फटी दीवार में मकड़ी के जाले के समान एक जाला बुन देती है। प्लेटलेट कण इस जाले में चिपक कर उस घाव को भर देते हैं और रक्त का आना बंद हो जाता है। यदि किसी का घाव गहरा हो जाए तोत साफ कपड़े के साथ उसे कसकर बाँध देना चाहिए। क्योंकि दबाव पड़ने से रक्त का बहना कम हो जाता है। घायल को शीघ्र ही उपचार हेतु डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। कई बार कटे स्थान पर टाँके भी लगाए जाते हैं। ज्यादा रक्त बह जाने पर खून चढ़ाया भी जाता है।
रक्त और हमारा शरीर पाठ के प्रश्न उत्तर / rkt aur hamara sharir question answer
1. रक्त के बहाव को रोकने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर– रक्त के बहाव को रोकने के लिए घाव वाले स्थान पर कसकर कोई साफ कपड़ा बांध देना चाहिए क्योंकि दबाव पड़ने पर रक्त का बहाव कम हो जाता है और इसके बाद उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
2. खून को ‘भानुमती का पिटारा’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर– भानुमती का पिटारा यह एक लोकोक्ति है जिसका अर्थ होता है किसी एक वस्तु में अनेक तरह की वस्तुओं का होना खून को भानुमती का पिटारा इसलिए कहा गया है क्योंकि यदि शूक्ष्मदर्शी से खून की एक बूंद को देखा जाए तो इसमें लाखों की संख्या में लाल रक्त कण, सफेद रक्त टण व प्लेटलेट्स के कण इसमें पाए जाते हैं।
3. एनीमिया से बचने के लिए हमें क्या-क्या खाना चाहिए?
उत्तर– एनीमिया से बचने के लिए हमें नियमित पौष्टिक आहार लेना चाहिए। इस आहार में प्रोटीन, लौह तत्व और विटामिन होने चाहिए। यह सभी तत्व हरी सब्जियां, फल, दूध, अंडा, गोश्त इत्यादि में होते हैं
4. पेट में कीड़े क्यों हो जाते हैं? इनसे कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर– पेट में कीड़े प्रदूषित जल और खाद्य पदार्थ के खाने से पैदा हो जाते हैं। कभी-कभी जमीन की सतह से त्वचा के रास्ते से होते हुए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। पेट में कीड़े न हो इसका उपाय यही है कि हम स्वच्छ जल व खाद्य पदार्थों का प्रयोग करें। शौच के लिए शौचालयों का प्रयोग करें और इधर-उधर नंगे पैर न घूमें।
5. रक्त के सफ़ेद कणों को ‘वीर सिपाही’ क्यों कहा गया है?
उत्तर– जब रोगाणु शरीर पर धावा बोलते हैं तो सफेद रक्त कण डटकर उनका सामना करते हैं। सफेद रक्त कण रोगाणुओं को शरीर में प्रवेश करने से रोकते हैं। इससे हमारी अनेक रोगों से रक्षा होती है। रोगों से रक्षा करने और रोगाणुओं से लड़ने भिड़ने के लिए ही इन्हें वीर-सिपाही की संज्ञा से विभूषित किया गया है।
6. ब्लड-बैंक में रक्तदान से क्या लाभ है? –
उत्तर– ब्लड बैंक किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बनाए गए हैं। ब्लड बैंक में प्रत्येक वर्ग का खून मिल मिल जाता है। इन ब्लड बैंकों में रक्त का भंडार हमेशा रहता है इसलिए हमें समय-समय पर रक्तदान करते रहना चाहिए यहां किए गए रक्तदान से किसी जरूरतमंद व्यक्ति को जीवनदान मिल सकता है।
7. साँस लेने पर शुद्ध वायु से जो ऑक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से में कौन पहुँचाता है?
1-सफ़ेद कण 2-लाल कण 3-सांस नली 4-फेफड़े
उत्तर– लाल कण
पाठ से आगे
1. रक्त में हीमोग्लोबिन के लिए किस खनिज की आवश्यकता पड़ती है
1-जस्ता 2-लोहा 3-शीशा 4-प्लैटिनम
उत्तर– लोहा
2. बिंबाणु (प्लेटलैट कण) की कमी किस बीमारी में पाई जाती है
1-हैजा 2-मलेरिया 3-डेंगू 4-फाइलेरिया
रक्त और हमारा शरीर भाषा की बात
1. (क) चार महीने के होते-होते यह नष्ट हो जाते हैं इस वाक्य को ध्यान से पढ़िए। इस वाक्य में होते होते’ के प्रयोग से यह बताया गया है कि चार महीने से पूर्व ही ये नष्ट हो जाते है। इस तरह के पाँच वाक्य बनाइए जिनमें इन शब्दों का प्रयोग हो
बनते-बनते, पहुँचते-पहुँचते, लेते-लेते, करते-करते
उत्तर–
1-श्याम का काम बनते-बनते रह गया।
2-पहुंचते-पहुंचते- सोहन लक्ष्य तक पहुंचते-पहुंचते बहुत थक चुका था।
3-लेते-लेते- राम का नाम लेते-लेते भक्त को कई वर्ष बीत गए।
4-करते-करते- वह रात को गृहकार्य पूरा करते-करते सो गया।
(ख) इन प्रयोगों को पढ़िए
सड़क के किनारे-किनारे पेड़ लगे हैं।
आज दूर-दूर तक वर्षा होगी।
इन वाक्यों में ‘होते-होते’ की तरह ‘किनारे-किनारे’ और ‘दूर-दूर’ शब्द दोहराए गए है। पर हर वाक्य में अर्थ भिन्न है। किनारे-किनारे का अर्थ है-किनारे से लगा हुआ और दूर-दूर का बहुत दूर तक।
आप भी निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए और उनके अर्थ लिखिए।
ठीक-ठीक, घड़ी-घड़ी, कहीं-कहीं, घर-घर, क्या-क्या
उत्तर–
1-तुम अपना काम ठीक-ठीक क्यों नहीं करते?
2-वह गोपिकाएं घड़ी-घड़ी कृष्ण की याद में खोई रहती।
4-शहर में लुटेरे के आते ही घर-घर यह खबर फैल गई।
2. इस पाठ में दिए गए मुहावरों और कहावतों को पढिए और वाक्यों में प्रयोग कीजिए
भानुमती का पिटारा, दस्तक देना, धावा बोलना, घर करना. पीठ ठोकना
भानुमती का पिटारा- (विभिन्न वस्तुओं का भंडार) हमारे खून की एक बूंद भानुमती का पिटारा है।
दस्तक देना- (उपस्थित होना) शहर में गंदगी फैलना रोगों को दस्तक देने का संकेत है।
घर करना– (मन में कोई बात बैठ जाना) रोगाणु धीरे-धीरे मनुष्य के शरीर में घर करने लगते हैं।
पीठ ठोकना- (शाबाशी देना) कक्षा में प्रथम आने पर पिताजी ने मेरी पीठ ठोकी।
रक्त और हमारा शरीर पाठ के अभ्यास प्रश्न
प्रश्न– एनीमिया क्या होता है?
प्रश्न– एनीमिया क्यों होता है?
प्रश्न– हमें रक्त दान क्यों करना चाहिए?
प्रश्न– दिव्या कौन थी?
प्रश्न– डॉक्टर ने दिव्या की जांच करके क्या कहा?
प्रश्न– कितनी आयु का व्यक्ति रक्तदान कर सकता है? प्रश्न- ब्लड बैंक क्या होते हैं?
प्रश्न– ब्लड बैंकों में मनुष्यों का क्या कर्तव्य है?